नई दिल्ली। भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप के अपने दो कांस्य पदकों में ओलंपिक पदक भी जोड़ना है, लेकिन उनका मानना है कि परिस्थितियों से तालमेल बिठाना और मैच की स्थिति के अनुसार कोर्ट पर रणनीति में बदलाव करना रियो में सफलता के सूत्र साबित होंगे।
विश्व चैंपियनशिप में 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधु ने कहा, परिस्थितियों से तालमेल बिठाना महत्वपूर्ण है। परिस्थितियां हमारे अनुकूल होनी चाहिए। इसलिए हम जल्दी वहां जा रहे हैं। हमें नहीं पता कि वहां की परिस्थितियां कैसी होंगी। हम वहां एक सप्ताह तक अभ्यास करेंगे ताकि कोर्ट के आदी बन सकें। इसलिए रियो में यह महत्वपूर्ण सप्ताह होगा।
महिला एकल में प्रतिस्पर्धा के बारे में इस 21 वर्षीय हैदराबादी ने कहा, कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जिसे पदक का दावेदार माना जा सके। कोई भी किसी को हरा सकता है और यह सब उस दिन के आपके प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, मैं उन सभी को पहले हरा चुकी हूं और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है लेकिन इससे मुकाबला अधिक कड़ा भी बन जाता है क्योंकि लगातार एक-दूसरे के खिलाफ खेलने से वे आपके स्ट्रोक्स के बारे में जानते हैं और हम उनके खेल के बारे में। इसलिए यह सब कोर्ट पर रणनीति बदलने से जुड़ा है। यह महत्वपूर्ण होगा। सिंधु पहली बार ओलंपिक में भाग ले रही हैं। (भाषा)