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खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने भारतीय खिलाड़ियों को परोसा चाय-नाश्ता

हमें फॉलो करें खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने भारतीय खिलाड़ियों को परोसा चाय-नाश्ता
, मंगलवार, 28 अगस्त 2018 (22:17 IST)
जकार्ता। पहली बार एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ी अपनी धमक से धुरंधरों को पछाड़ते चले जा रहे हैं और उन्होंने पदकों की संख्या को भी 50 तक पहुंचा दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि खुद खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ यहां पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मौजूदगी ने खिलाड़ियों में नया जोश भर दिया है। हद तो तब हो गई, जब मंगलवार को वे अचानक खेल गांव पहुंचे और अपने हाथों से ट्रे उठाकर भारतीय खिलाड़ियों को चाय-नाश्ता सर्व करने लगे...
 
खेल मंत्री के इस कार्य से अचानक फिल्म 'शराबी' के अमिताभ बच्चन याद आ गए जो मुकरी की बड़ी-बड़ी मूछों को देखकर डायलॉग मारते थे कि 'मूछें हो तो नथ्थूलाल जैसी हो, वरना न हों।' राज्यवर्धन सिंह को भी देखकर यही लगता है कि भारत में 'खेल मंत्री हो तो राठौड़ जैसा हो, वरना न हो।' क्या ये ताज्जुब नहीं है कि कोई खेल मंत्री अपने ही देश के खिलाड़ियों को चाय-नाश्ता सर्व करे?
 
सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल : असल में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मंत्री बनने से पहले खुद खिलाड़ी रहे हैं और एक फौजी भी। उन्होंने 2004 एथेंस ओलिंपिक में निशानेबाजी की डबल ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक जीता था। वे ओलिंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बने थे। वे खिलाड़ियों के दर्द को अच्छी तरह जानते हैं और यही कारण है कि खेल गांव में चाय-नाश्ते को सर्व करने की उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही खूब शेयर की जा रही है।
 
दिल को छू लेने वाली तस्वीर : वास्तव में मंगलवार को खेल मंत्री राठौड़ अचानक खेल गांव के डायनिंग हॉल पहुंचे और देखा कि भारतीय खिलाड़ी नाश्ता कर रहे हैं। उन्होंने चाय और नाश्ते की ट्रे उठाई और पहुंच गए खिलाड़ियों के पास। उनकी इस खेल भावना से भारतीय खिलाड़ी दंग रह गए। सोशल मीडिया पर उनकी नाश्ता परोसते हुए तस्वीर पर एक यूजर ने लिखा, 'एक खिलाड़ी को पता है कि दूसरे खिलाड़ी का सम्मान कैसे करना है।' कुछ यूजर्स इसे 'दिल को छू लेने वाली तस्वीर बता रहे हैं।' 
 
एमसी मैरीकॉम को भी दी थी पहली बधाई : सनद रहे कि भारत के खेल मंत्री पहली बार खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करने विदेश में नहीं हैं। इससे पहले इसी साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वे खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई करने पहुंचे थे। एमसी मैरीकॉम के फाइनल मुकाबले के दौरान तो वे पूरे समय रिंग के आसपास ही मौजूद रहे और  जैसे ही मैरीकॉम ने स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने तुरंत भारतीय मुक्केबाज को बधाई दी थी। 

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