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अर्जुन पुरस्कार विजेताओं का इस्तेमाल प्रतिभा निखारने के लिए हो

हमें फॉलो करें अर्जुन पुरस्कार विजेताओं का इस्तेमाल प्रतिभा निखारने के लिए हो
, मंगलवार, 15 नवंबर 2016 (17:04 IST)
नई दिल्ली। एथेंस ओलंपिक खेलों के रजत पदक विजेता निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का मानना है कि राज्य महासंघों को अपने शीर्ष 50 खिलाड़ियों की पहचान करने की जरूरत है और सक्रिय अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों का इस्तेमाल प्रतिभा को निखारने के लिए करें जिससे कि भारत की 2020 टोक्यो ओलंपिक की तैयारी में मदद हो सके।
 
राठौड़ ने कहा, हमने अध्ययन किया कि शीर्ष 30 देशों ने रियो खेलों में किन खेलों में पदक जीते। शीर्ष 10 देशों ने अपने 60 प्रतिशत पदक चार खेलों में जीते, 11 से 20वें स्थान के देश ने 80 प्रतिशत पदक चार खेलों में जीते और 21 से 30वें स्थान के देशों में चार खेलों का योगदान 90 प्रतिशत था। 
 
उन्होंने कहा, अगर हम 2020 ओलंपिक में पदक जीतना चाहते हैं तो यह महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य इसके लिए तैयारी करें। हमें बहुत ज्यादा कोष नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति और प्रयासों की जरूरत है। राठौड़ ने कहा, देश में 800 अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं, मानते हैं कि कम से कम 50 प्रतिशत सक्रिय हैं। हम इन 400 अर्जुन पुरस्कार विजेता का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं या अगर हम इस्तेमाल नहीं कर सकते तो क्यों? 
 
उन्होंने कहा, कई पदक विजेता रेलवे के लिए काम कर रहे हैं, सरकारी नौकरी कर रहे हैं, हमें प्रतिभा को निखारने के लिए उनके जज्बे का इस्तेमाल करना होगा। 
 
सूचना और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राठौड़ ने ‘राज्य के मंत्रियों और सचिवों के सम्मेलन’ के दौरान कहा, अगर केंद्र सरकार 2020 ओलंपिक के लिए 50 खिलाड़ियों को तैयार करती है और हम सभी को पता है कि वे 50 खिलाड़ी कौन हैं, इसी तरह राज्यों को भी अपने शीर्ष 50 खिलाड़ियों को तैयार करने की जरूरत है जिससे कि वे ओलंपिक टीम में जगह बना सकें। (भाषा)


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