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'रियो' में चमकने को तैयार भारतीय सितारे

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रियो डी जेनेरो। भारत ओलंपिक इतिहास का अपना सबसे बड़ा दल 'रियो' में उतारने जा रहा है और दल में शामिल कई सितारे खेलों के महाकुंभ के आसमान पर चमकने के लिए तैयार हैं।
               
पांच अगस्त से शुरू होने वाले रियो ओलंपिक में अब चार दिन का समय शेष है और देशवासियों की धड़कनें अब लगातार तेज होती जा रही हैं कि क्या इस बार लंदन ओलंपिक की छह पदकों की संख्या पीछे छूटेगी कि नहीं। भारत 16 दिनों तक चलने वाले खेलों के इस महाकुंभ में 120 खिलाड़ी उतारेगा। रियो ओलंपिक में भारत 15 खेलों की 66 स्पर्धाओं में हिस्सा लेगा। इनमें सबसे ज्यादा 21 स्पर्धाएं एथलेटिक्स में होंगी। इसके बाद निशानेबाजी की 11 स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।  
             
भारत की उम्मीदों का दारोमदार इन खेलों पर रहेगा :
निशानेबाजी-       
विश्वकप के रजत पदक विजेता और सबसे पहले ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले पिस्टल किंग जीतू राय 10 मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर पिस्टल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। आईएसएसएफ विश्व कप में रजत पदक जीत चुके जीतू से पदक की खासी उम्मीदें हैं। 
         
गगन नारंग 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य जीतने में सफल रहे थे। इस बार देश को उम्मीद है कि गगन इसे सोने में बदलने में सफल होंगे। नारंग तीन स्पर्धाओं 50 मीटर एयर राइफल, 50 मीटर राइफल प्रोन और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में उतरेंगे। अभिनव बिंद्रा 2008 ओलंपिक में स्वर्ण जीतने में कामयाब रहे थे लेकिन 2012 लंदन में अपनी इस सफलता को दोहरा नहीं पाए। रियो अभिनव का आखिरी ओलंपिक है और उनसे आठ साल पुराना इतिहास दोहराने की उम्मीद की जा रही है। 
        
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीत चुके मानवजीत सिंह संधू पर भी इस बार नजरें रहेंगी। संधू को संजीव राजपूत का कोटा बदले जाने के कारण ट्रैप स्पर्धा में जगह मिली है। निशानेबाजी स्पर्धाएं छह अगस्त से शुरू होंगी। महिला निशानेबाजों में हीना सिद्धू से 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा और 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में उम्मीदें रहेंगी।
 
कुश्ती-                
नरसिंह यादव के डोपिंग विवादों से बरी हो जाने के बाद भारत की कुश्ती से उम्मीदें काफी बढ़ गई  हैं। पिछले कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त (65 किग्रा) और नरसिंह (74 किग्रा) तथा महिला पहलवानों में बबिता कुमारी (53 किग्रा) तथा विनेश फोगाट (48 किग्रा) से भारत को पूरी उम्मीदें हैं। भारत ने पिछली बार कुश्ती में दो पदक जीते थे। कुश्ती की प्रतियोगिता 15 अगस्त से शुरू होंगी।
 
तीरंदाजी-
तीरंदाजी में भारत तीन स्पर्धाओं में हिस्सा लेगा। 2012 को ओलंपिक में पदक जीतने से चूकने वाली दीपिका कुमारी से इस बार महिला व्यक्तिगत तीरंदाजी प्रतियोगिता में पदक जीतने की पूरी उम्मीद है। इसके साथ महिला तीरंदाजी टीम ( दीपिका कुमारी, बोम्बायला देवी और लक्ष्मीरानी माझी) से भी पदक की उम्मीद की जा रही है। तीरंदाजी प्रतियोगिता पांच अगस्त से शुरू होंगी।
 
टेनिस-
रिकॉर्ड सातवीं बार ओलंपिक खेलने जा रहे लिएंडर पेस पुरुष युगल में रोहन बोपन्ना के साथ उतरेंगे जबकि बोपन्ना मिश्रित युगल में विश्व की नंबर एक युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा के साथ उतरेंगे। सानिया के लिए इस बार ओलंपिक में पदक जीतने का यह सबसे अच्छा मौका है। टेनिस प्रतियोगिता छह अगस्त से शुरू होगी।
 
बैडमिंटन-
सुपर स्टार साइना नेहवाल से एक बार फिर ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद लगाई जा रही है। लंदन ओलंपिक में कांस्य जीत चुकीं साइना से सीधे गोल्ड की उम्मीद लगाई  जा रही है। साइना के बाद पीवी सिंधू भी दावेदार हैं लेकिन उन्हें अपने प्रदर्शन में निरंतरता रखनी होगी। महिला युगल में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा पर भी नजरें रहेंगी। बैडमिंटन प्रतियोगिता 11 अगस्त से शुरू होगी।
   
मुक्केबाजी-
विकास कृष्णन 75 किग्रा मिडिलवेट वर्ग में, शिवा थापा बेंटमवेट वर्ग में और मनोज कुमार लाइट वेल्टरवेट वर्ग में रिंग में उतरेंगे। 2014 में विकास इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुके हैं। इस बार भी उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है। शिवा थापा लंदन ओलंपिक के बाद इस बार भी ओलंपिक में भारत की तरफ से रिंग में उतरेंगे। 22 साल के शिवा से इस बार पदक की पूरी उम्मीद है। मुक्केबाजी मुकाबले छह अगस्त से शुरू होंगे।
 
जिमनास्टिक-
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर को ओलंपिक में कारनामा करने के लिए चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा। 52 वर्षों के बाद यह पहला मौका है, जब भारत का कोई एथलीट ओलंपिक में जिमनास्टिक में हिस्सा लेगा। 22 साल की दीपा के क्वालीफाइंग के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए भी उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही है। जिमनास्टिक की प्रतियोगिता छह अगस्त से शुरू होगी।
 
हॉकी-
चैंपियंस ट्रॉफी में रजत जीतने वाली पुरुष हॉकी टीम के हाल के प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि इस बार हॉकी टीम ओलंपिक में 36 साल के सूखे को समाप्त कर देगी। भारत ने आखिरी बार 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। भारतीय हॉकी टीम छह अगस्त को अपना पहला मैच आयरलैंड से खेलेगी। महिला हॉकी टीम ने 36 वर्षों में पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। ऐसे में इन पर देश की नजर रहेगी। सात अगस्त को भारतीय महिला टीम का पहला मुकाबला जापान से होगा।
 
एथलेटिक्स-
डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा से भी देश को रियो ओलंपिक में पदक जीतने की आस है। गौड़ा ने जमैका आमंत्रण एथलेटिक्स टूर्नामेंट के दौरान 65 मीटर की दूरी पार की थी। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता 32 वर्षीय गौड़ा ने मई में किंगस्टन में 65.14 मीटर दूरी तक थ्रो कर खिताब जीता था। 12 अगस्त को डिस्कस थ्रोअर का मुकाबला होगा। विकास गौड़ा लंदन ओलंपिक में फाइनल में पहुंचे थे। विकास के अलावा पुरुष रिले टीम और मध्य दूरी की धाविकाओं के भी फाइनल में पहुंचने की उम्मीद है। (वार्ता)

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