शंघाई। दुनियाभर में खेलों की ताकत माने जाना वाला चीन रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले अपने एथलीटों को प्रतिबंधित दवाओं के सेवन नहीं करने की शपथ दिलाएगा और साथ ही उनका लिखित टेस्ट भी लेगा।
ब्राजील में 5 से 21 अगस्त तक आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों में इस बार डोपिंग एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है और इस बीच डोपिंग को लेकर अपनी 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर सख्ती से काम करते हुए चीन ने खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों से पहले सच्चाई और ईमानदारी की शपथ दिलाने का फैसला किया है।
चीन में खेल विभाग में उपनिदेशक और चीन के कुल 711 सदस्यीय ओलंपिक दल का नेतृत्व करने जा रहे गाओ झिदान ने कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी और जो भी लिखित परीक्षा में विफल होंगे, उन्हें रियो जाने नहीं दिया जाएगा। एथलीटों को लिखित परीक्षा में 100 में से 80 अंक पास करने के लिए अनिवार्य होंगे।
झिदान ने कहा कि चीन डोपिंग के सख्त खिलाफ है और जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाता है। हम खेलों में पारदर्शिता और एथलीटों की भलाई चाहते हैं। चीन रियो ओलंपिक में अपना सबसे बड़ा दल उतारने जा रहा है जिसमें 416 एथलीट शामिल हैं। यह ओलंपिक इतिहास का सबसे बड़ा दल है। (वार्ता)