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विम्बलडन से 'बिग थ्री' हुए आउट, अब फेडरर पर निगाहें

हमें फॉलो करें विम्बलडन से 'बिग थ्री' हुए आउट, अब फेडरर पर निगाहें
, गुरुवार, 13 जुलाई 2017 (19:33 IST)
लंदन। विश्व के नंबर एक खिलाड़ी ब्रिटेन के एंडी मरे, स्पेन के राफेल नडाल और सर्बिया के नोवाक जोकोविच के विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप से बाहर हो जाने के बाद अब 'बिग फोर' के एकमात्र खिलाड़ी बचे स्विस स्टार रोजर फेडरर पर सभी की निगाहें टिक गई हैं।
      
'फैबुलस फोर' कहे जाने वाले चार दिग्गजों में केवल फेडरर ही विंबलडन में अभी तक मोर्चा संभाले हुए हैं और सेमीफाइनल में जगह बना पाए हैं जहां उनके सामने चेक गणराज्य के टॉमस बेर्दिच की चुनौती रहेगी। एक अन्य पुरुष एकल सेमीफाइनल में अमेरिका के सैम क्वेरी और क्रोएशिया के मारिन सिलिच एक दूसरे से भिड़ेंगे।
         
अंतिम चार के लिए लाइन-अप तय होने के बाद अब टूर्नामेंट के शीर्ष वरीय और दिग्गज खिलाड़ियों में केवल 18 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन फेडरर ही बचे हैं और सभी को उनसे काफी उम्मीदें भी हैं। अपने 36वें जन्मदिन से कुछ सप्ताह पहले ही तीसरी सीड फेडरर इस अहम सेमीफाइनल के लिए उतरेंगे, जहां उनके सामने बेर्दिच की चुनौती रहेगी जिनके विपक्षी सर्बियाई खिलाड़ी जोकोविच ने क्वार्टर फाइनल में चोट के बाद मैच छोड़ दिया था।
        
हालांकि फेडरर बिग फोर के धाकड़ खिलाड़ियों में गिने जाते हैं, जिनके पास सबसे ज्यादा एकल स्लेम हैं। इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतने के बाद फ्रेंच ओपन से बाहर रहे पूर्व नंबर एक खिलाड़ी पूरी तरह फिट हैं और लय में भी दिखाई दे रहे हैं। वहीं फेडरर के विपक्षी 11वीं सीड बेर्दिच ने भी सर्बियाई खिलाड़ी के खिलाफ अपने 12 मैचों में लगातार हारने के दुख को पीछे छोड़ दूसरी बार विंबलडन सेमीफाइनल में जगह बना ली है।
       
चेक खिलाड़ी ने वर्ष 2013 के बाद से ही 12 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन को नहीं हराया है और जोकोविच के खिलाफ 27 मैचों में केवल दो बार ही जीत सके हैं, लेकिन चेक खिलाड़ी के लिए फेडरर को हराना बड़ी चुनौती होगी, जो यहां सात बार के चैंपियन हैं। 
 
वैसे बेर्दिच ने सेमीफाइनल को लेकर भरोसा जताते हुए कहा 'मुझे रोजर या जोकोविच से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मेरे लिए मेरा खेल और आत्मविश्वास मायने रखता है। मैं बस अपना श्रेष्ठ खेल दिखाने के लिए तैयार हूं।'
                 
हालांकि बेर्दिच ने माना कि फेडरर बिग फोर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और उनके जैसे दिग्गज के खिलाफ खेलने का मौका मिलना ही बड़ी बात है। बेर्दिच ने इससे पहले कभी भी ग्रैंड स्लेम नहीं जीता है। वह विंबलडन 2010 में उपविजेता रहे थे, जब उन्हें फाइनल में राफेल नडाल ने हराया था। बेर्दिच सात बार ग्रैंड स्लेम सेमीफाइनल में पहुंचे हैं और ऐसा करने वाले इवान लेंडल के बाद वह दूसरे चेक खिलाड़ी हैं।
         
पूर्व नंबर एक फेडरर को वर्ष 2014 और 2015 में यहां जोकोविच ने फाइनल में हराकर खिताब पर कब्जा किया था लेकिन इस बार सर्बियाई खिलाड़ी कोहनी की चोट के कारण मैच से हट गए। स्विस मास्टर ने विंबलडन में पांच वर्ष पहले अपना आखिरी खिताब जीता था और वह भी जोकोविच और मरे के चोट के कारण बाहर हो जाने से कुछ निराश हैं।
        
मरे और जोकोविच दोनों ही 30 वर्ष की आयु पर पहुंच चुके हैं जबकि फेडरर कुछ दिनों बाद 36 साल के होने जा रहे हैं और उन्होंने खिलाड़ियों को फिटनेस पर ध्यान देने की हिदायत भी दी। उन्होंने बेर्दिच के खिलाफ मैच को लेकर कहा 'मैं अच्छा खेल रहा हूं और आराम करने के बाद तरोताज़ा हूं। मुझे खुद पर भरोसा है।' (वार्ता) 

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