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विंबलडन : फेडरर और खिताब के बीच अब सिलिच

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, शनिवार, 15 जुलाई 2017 (22:11 IST)
लंदन। स्विस मास्टर और टेनिस जगत के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी हैं और 35 साल की उम्र में यहां अपने रिकॉर्ड आठवें खिताब से एक कदम की दूरी पर हैं, जहां उनके सामने अब मारिन सिलिच एक आखिरी चुनौती के रूप में खड़े हैं। 
        
फेडरर ने वर्ष 2003 में ऑल इंग्लैंड में अपना पहला विंबलडन खिताब जीता था और अब अपने 36वें जन्मदिन से कुछ पहले वे यहां अपने रिकॉर्ड आठवें और ओवरऑल 19वें ग्रैंड स्लेम से एक कदम की दूरी पर खड़े हैं। उनके और खिताब के बीच सिलिच खड़े हैं जिन्होंने पहली बार विंबलडन फाइनल में प्रवेश किया है।   
        
यह 11वां मौका है जब स्विस खिलाड़ी विंबलडन के फाइनल में पहुंचे हैं जहां वे सात बार के चैंपियन हैं। टेनिस इतिहास में वे ऑल इंग्लैंड में सर्वाधिक खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं। आठ अगस्त को 36 वर्ष के होने जा रहे फेडरर इस उम्र में फाइनल में पहुंचने वाले वर्ष 1974 के बाद से भी सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं।
        
चार जुड़वां बच्चों के पिता फेडरर ने 14 वर्ष पहले मार्क फिलीपोसिस को हराकर पहली बार विंबलडन खिताब जीता था। फेडरर ने सेमीफाइनल में चेक गणराज्य के टॉमस बेर्दिच को हराकर फाइनल में जगह बनाई। मैच के बाद बेर्दिच ने कहा, मुझे नहीं लगता कि फेडरर की उम्र अधिक हो गई है और न ही वे अभी रुकने वाले हैं।
 
37 वर्ष की उम्र में ऑस्ट्रेलियन ओपन ग्रैंड स्लेम जीतने वाले केन रॉसवाल का भी मानना है कि फेडरर अभी तीन वर्ष तक और अपना सर्वश्रेष्ठ टेनिस खेलने की स्थिति में हैं। चोट के कारण गत वर्ष परेशान रहे फेडरर ने इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में अपना 18वां ग्रैंड स्लेम जीता था और फ्रेंच ओपन सहित पूरे क्ले कोर्ट सीजन से बाहर रहने के बाद अब वे अपने दूसरे स्लेम से एक कदम दूर हैं।
        
स्विस खिलाड़ी का इस सत्र में कमाल का रिकॉर्ड रहा है और उन्होंने 30 मैच जीते हैं, दो हारे हैं तथा ग्रैंड स्लेम सहित चार खिताब जीते हैं। मौजूदा विंबलडन टूर्नामेंट में उन्होंने छह मैचों में एक भी सेट नहीं गंवाया है। आखिरी बार 31 वर्ष पहले जोर्न बोर्ग वे खिलाड़ी थे जिन्होंने बिना एक भी सेट गंवाए विंबलडन ट्रॉफी जीती थी। फेडरर की पिछले मैचों में केवल चार बार सर्विस ब्रेक हुई है।
        
पहली बार विंबलडन फाइनल में पहुंचे सातवीं सीड क्रोएशियाई खिलाड़ी भी फेडरर की चुनौती और उनकी मौजूदा लय से वाकिफ हैं जिन्होंने अमेरिका के सैम क्वेरी को सेमीफाइनल में हराया था। सिलिच ने फाइनल को लेकर कहा, रोजर इस समय करियर का सर्वश्रेष्ठ टेनिस खेल रहे हैं। मेरे लिए  तो उनका सामना करन एक बड़ी चुनौती होगा।
 
फेडरर और सिलिच ने अब तक करियर में सात बार एक-दूसरे का सामना किया है जिसमें छह बार स्विस खिलाड़ी ने ही जीत अपने नाम की है। गत वर्ष दोनों खिलाड़ी विंबलडन क्वार्टर फाइनल में भी एक-दूसरे से भिड़ चुके हैं, जहां फेडरर ने ही जीत अपने नाम की थी। हालांकि क्रोएशियाई खिलाड़ी ने 2014 यूएस ओपन सेमीफाइनल में 18 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन को हराया था और अपने करियर का एकमात्र ग्रैंड स्लेम भी जीता था।
                
आंकड़ों पर नज़र डालें तो 28 वर्षीय सिलिच फिलहाल इस मैच में खिताब के दावेदार नहीं माने जा रहे हैं। वहीं फेडरर 11 बार विंबलडन फाइनल खेलने वाले और सात बार यहां खिताब जीतने वाले पहले टेनिस खिलाड़ी हैं। उन्होंने करियर में 29 बार ग्रैंड स्लेम फाइनल में खेला है जो विश्व में दूसरी रैंकिंग के स्पेनिश खिलाड़ी स्पेन के राफेल नडाल से सात अधिक है।
                
फेडरर यदि आठवीं बार यहां खिताब जीतते हैं तो वे इस मामले में पीट सम्प्रास और विलियम रेनशॉ को पीछे छोड़ देंगे जिन्होंने 1880 में सात-सात बार विंबलडन खिताब जीते थे। स्विस खिलाड़ी को वर्ष 2014 और 2015 में लगातार दो वर्ष सर्बिया के नोवाक जोकोविच से फाइनल में हार मिली थी और उनके पास इस बार कम अनुभवी सिलिच को हराकर इस निराशा को पीछे छोड़ने का भी मौका है। (वार्ता)


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