नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारोत्तोलक संजीता चानू के डोपिंग टेस्ट में फेल होने के मामले में भारतीय भारोत्तोलन संघ से रिपोर्ट मांगी है।
आईओए के अध्यक्ष नरेन्द्र ध्रुव बत्रा ने शनिवार को बताया कि इस मामले में फेडरेशन से रिपोर्ट मांगी गई है, जो अभी तक नहीं मिली है तथा अभी इस मुद्दे पर हमारे लिए कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। हमने फेडरेशन से रिपोर्ट मांगी है जिसके आधार पर फैसला किया जाएगा कि संजीता के मामले में आगे क्या कदम उठाना है?
गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता संजीता चानू को प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेरॉयड के सेवन के लिए अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया है लेकिन इस भारोत्तोलक ने खुद को निर्दोष बताते हुए इस निलंबन को चुनौती देने का फैसला किया है। संजीता ने अप्रैल में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में 53 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था लेकिन अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने उन्हें टेस्टोस्टोरॉन के सेवन के लिए निलंबित कर दिया है जबकि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ मणिपुर की इस खिलाड़ी के समर्थन में आ खड़ा हुआ है।
आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने भी कहा कि संजीता का जो डोप टेस्ट हुआ था वह 27 नवंबर को हुआ था लेकिन यह समय से बाहर था। उनका गोल्डकोस्ट में भी डोप टेस्ट हुआ था जिस पर कोई आपत्ति नहीं है। हमें फेडरेशन की रिपोर्ट का इंतजार है जिसके बाद हम इस मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे।
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव ने संजीता पर पूरा भरोसा जताया है और उनका कहना है कि इस बात को समझना मुश्किल है कि डोपिंग परिणाम को सामने लाने में इतना समय क्यों लगाया गया? उनका नमूना लेने के बाद संजीता ने पिछले नवंबर में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और फिर राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता। (वार्ता)