नई दिल्ली: टोक्यो पैरालंपिक कांस्य पदक विजेता ऊंची कूद के एथलीट शरद कुमार हार्ट इनफ्लेमेशन (सीने में जलन) से पीड़ित हैं और उन्होंने कुछ और परीक्षण कराये हैं जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
कुमार ने 31 अगस्त को तोक्यो पैरालंपिक में टी-42 ऊंची कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। उन्हें पिछले हफ्ते सीने में जकड़न की शिकायत के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया।
कुमार ने गुरूवार को पीटीआई से कहा, शुरूआती रिपोर्ट में पता चला है कि मेरे दिल की मांसपेशियों में सूजन है।
पटना में जन्में 29 साल के कुमार छतरपुर में रहते हैं। कुमार को इस हफ्ते के शुरू में अस्पताल से छुट्टी मिल गयी लेकिन उन्हें कुछ और जांच के लिये वापस आना पड़ा।
उन्होंने कहा, मैं यहां कुछ और जांच के लिये वापस आया हूं। मैं सिर्फ 10 मिनट की दूरी पर रहता हूं, मैंने अस्पताल के अधिकारियों से कहा कि मुझे घर जाने दें।
फाइनल से पहले भगवत गीता पढ़ी
उन्होंने पिछले महीने टोक्यो में टी-42 फाइनल में हिस्सा लिया था जबकि अपनी स्पर्धा से पहले ट्रेनिंग के दौरान उनके घुटने में चोट लग गयी थी। बाद में उन्होंने खुलासा किया था कि चोट के कारण वह प्रतियोगिता से हटने का विचार कर रहे थे। फिर उन्होंने भारत में परिवार से बात की और स्पर्धा से एक रात पहले भगवत गीता पढ़ी, जिससे चिंताओं से निजात मिली
उन्होंने कहा था , मेरे घुटने में चोट लगी थी। मैने नाम वापिस लेने के बारे में सोचा। अपने परिवार से बात की लेकिन उन्होंने खेलने को कहा। उन्होंने कहा कि भागवत गीता पढो और कर्म पर ध्यान लगाओ। जो मेरे वश में नहीं है, उसके बारे में मत सोचो। उन्होंने 1.83 मीटर की कूद लगाकर कांस्य पदक जीता था।
शरद ऊंची कूद में 2014 और 2018 एशियाई पैरा खेलों के चैंपियन हैं। उन्होंने 2019 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
2 वर्ष की उम्र में मिली थी पोलियो की नकली खुराक
2 वर्ष की उम्र में पोलियो की नकली खुराक दिए जाने से शरद के बायें पैर में लकवा मार गया था। उन्होंने कहा कि मैने चोट को भुलाकर हर कूद को जंग की तरह लिया। पदक सोने पे सुहागा रहा। दिल्ली के मॉडर्न स्कूल और किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई करने वाले शरद ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर्स डिग्री ली है।
बारिश में कूद लगाना मुश्किल था फिर भी जीते
2 बार एशियाई पैरा खेलों में चैंपियन और विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता शरद ने कहा था कि बारिश में कूद लगाना काफी मुश्किल था। हम एक ही पैर पर संतुलन बना सकते हैं और दूसरे में स्पाइक्स पहनते हैं। मैंने अधिकारियों से बात करने की कोशिश की कि स्पर्धा स्थगित की जानी चाहिए, लेकिन अमेरिकी ने दोनों पैरों में स्पाइक्स पहने थे । इसलिये स्पर्धा पूरी कराई गई।