नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजों ने चेक गणराज्य में 48वीं ग्रां प्री उस्ती नाद लाबेम चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य पदक जीता।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता शिव थापा (60 किग्रा), राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता मनोज कुमार (69 किग्रा), अमित फंगल (52 किग्रा), गौरव विधूड़ी (56 किग्रा) और सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) ने शनिवार रात अपने-अपने फाइनल मुकाबलों में जीत दर्ज करके स्वर्ण पदक जीते।
कविंदर बिष्ट (52 किग्रा) और मनीष पंवार (81 किग्रा) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इससे सुमीत सांगवान ने सेमीफाइनल में हारने के कारण कांस्य पदक हासिल किया था।
अमित और कविंदर दोनों ही फाइनल में आमने-सामने थे। इन दोनों में अमित लाइट फ्लाईवेट (49 किग्रा) में खेलते हैं लेकिन इस प्रतियोगिता में वे फ्लाईवेट में उतरे। उन्होंने कविंदर को 3-2 से हराया। इसके बाद गौरव ने पोलैंड के इवानाउ जारोस्लाव को आसानी से 5-0 से शिकस्त दी।
हाल में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले थापा ने स्लोवाकिया के फिलिप मेसजारोस पर शुरू से दबदबा बनाए रखा और 5-0 से जीत दर्ज की, जो जर्मनी के हैम्बर्ग में अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाली जीत है।
हैम्बर्ग जाने की तैयारियों में लगे एक अन्य मुक्केबाज मनोज ने भी स्थानीय मुक्केबाज डेविड कोटरच को 5-0 से पराजित किया। सतीश कुमार को हालांकि स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए जर्मनी के मैक्स केलर की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। मनीष जर्मनी के इब्रागिम बाजुएव से हार गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इस टूर्नामेंट से भारतीय मुक्केबाजों ने 25 अगस्त से 2 सितंबर के बीच होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले 1 पखवाड़े तक चला अभ्यास और प्रतियोगिता दौरा भी समाप्त हो गया। इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाले मुक्केबाजों में अमित, कविंदर, गौरव, शिव थापा, मनोज, सुमीत और सतीश विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे। इनके अलावा विकास कृष्ण (75 किग्रा) भी विश्व चैंपियनशिप में भाग लेंगे लेकिन उन्होंने इस दौरे पर जाने के बजाय पुणे में अभ्यास करने को तरजीह दी। (भाषा)