ओलंपियन मुक्केबाज Vijender Kumar विजेंदर कुमार और अन्य मुक्केबाजों ने Asian Games एशियाई खेलों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) मनमाने नियमों के आधार पर अपने चहेतों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।इन सभी ने चयन प्रक्रिया में शामिल दो विदेशी ट्रेनर पर पक्षपात करने के आरोप लगाए।
द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल कर चुके कोच जगदीश कुमार और विजेंदर की अगुवाई में सागर अहलावत (92 किलो) , रोहित मोर (57 किलो) और अमित पंघाल (51 किलो) ने रविवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बगैर ट्रायल के चयन करने पर ऐतराज जताया।एशियाई खेल 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक चीन के हांगझोउ में आयोजित होनी है।
पहले चयन प्रक्रिया ट्रायल और खिलाड़ी के पूर्व प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन के आधार पर तय होती थी। लेकिन अब नए मनमाने नियम बनाकर आठ अंक के आधार पर चयन किया जाता है, जिसको लेकर मुक्केबाजों को ऐतराज है। नई चयन प्रक्रिया में खिलाड़ियों की हाजिरी, उनके उठने व सोने का समय, खिलाडिय़ों का वजन सहित ऐसे मापदंडों को अपनाया गया है जिससे खेल का बहुत सीधा ताल्लुक नहीं है।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर ने कहा, मैंने देश के लिए मुक्केबाजी में पहला पदक प्राप्त किया है। लेकिन कभी भी मुक्केबाजी महासंघ ने चयन प्रक्रिया के नियमों को बनाने, उन्हें बदलने या मुक्केबाजी के उत्थान के लिए किसी कार्यक्रम में मुझे नहीं बुलाया।
उन्होंने कहा, मुक्केबाजी को लेकर देश में मेरा अहम योगदान रहा है लेकिन अब मुक्केबाजी महासंघ मनमाने नियमों के आधार पर अपने चहेतों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।
विजेंदर ने कहा, मुझे इस पर ऐतराज है।
भिवानी के इस स्टार मुक्केबाज ने कहा, चयन के लिए कोच विदेशों का क्या मतलब है। ऐसी चयन प्रक्रिया चाटुकारिता और गुलामी को बढ़ावा देगी। अनुभवी खिलाड़ी पिछड़ेंगे और जी-हजुरी वालों का चयन होगा।
कोच जगदीश कुमार ने भी इस चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए।अमित पंघाल ने कहा, मेरे मुकाबले में जिस मुक्केबाज का चयन हुआ, उसे मैं कई बार हरा चुका हूं। खिलाड़ी चाहे जान लगा दें, पर चयन प्रक्रिया विदेशी कोचों के हाथ में है। वे चाहते हैं कि पिछले रिकॉर्ड व ट्रायल के आधार पर चयन हो। (भाषा)