भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठी पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विनेश फोगाट मीडिया को यह कहते हुए दिख रही है कि जितने भी खिलाड़ी प्रदर्शन में शामिल है वह सीधे ओलंपिक में जाएंगे राष्ट्रीय खेल नहीं खेलेंगे।
विनेश फोगाट ने मीडिया से बात करते वक्त अपने यह विचार रखे। उन्होंने यह भी कहा कि हर राज्य का एक फेडरेशन होता है और ऐसा ही फेडरेशन हरियाणा का भी बन चुका है।पहलवानों के प्रदर्शन का चेहरा बन चुकी विनेश फोगाट लगातार विवादों में भी बनी हुई हैं। इससे पहले उन्होंने सक्रिय क्रिकटरों की चुप्पी का मुद्दा बनाया था।पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि भारतीय खेल प्रेमी क्रिकेट की पूजा करते हैं और क्रिकेटरों को भगवान मानते हैं लेकिन वह अब इस मुद्दे पर अपनी राय रखने से क्यों बच रहे हैं। विनेश फोगाट ने यह तक कह दिया कि सक्रिय क्रिकेटर उनका समर्थन करने से डर रहे हैं।
तीन बार की राष्ट्रमंडल खेल गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगाट ने भी पूर्व ट्रैक एंड फील्ड एथलीट उषा की बात पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उन्हें खिलाड़ियों से मिलकर बात करनी चाहिये थी। उन्होंने कहा, "जब देश के ओलंपिक मेडलिस्ट सड़कों पर प्रदर्शन के लिये बैठे हैं, तो मुझे लगता है कि पीटी उषा मैम को हमारे पास आना चाहिए था। उन्हें पूछना चाहिए था कि हम आंसू क्यों बहा रहे हैं। एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक होने के नाते प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है। जब तक हमें इंसाफ नहीं मिल जाता, हम यहीं रहेंगे।"
उल्लेखनीय है कि पूनिया, विनेश और साक्षी मलिक जैसे नामचीन पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ रविवार से पुनः प्रदर्शन पर बैठे हैं। पहलवानों ने श्री सिंह पर यौन शोषण जैसे कई गंभीर आरोप लगाये हैं और उनकी मांग है कि उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता को अध्यक्ष पद से हटाकर आरोपों की जांच होनी चाहिये।
विनेश ने कहा कि यह मामला अब उच्चतम न्यायालय में है और उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, "हमें सिर्फ उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है। हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं। हमें जो भी न्याय दिलायेगा... चाहे वह उषा हों या कोई और, वह हमारे लिए भगवान होगा। ऐसा नहीं है कि हमने उनसे बात नहीं की। मैंने उनके निजी फोन नंबर पर उन्हें कॉल किया। किसी ने मेरे कॉल का जवाब नहीं दिया। वह एथलीटों की भावनाओं का सम्मान नहीं करतीं। अगर वह सम्मान चाहती हैं, तो उन्हें सम्मान करना भी चाहिये।"
उन्होंने कहा, "कोई एथलीट सड़क पर बैठकर खुश नहीं है। न ही हम यहां बैठकर चैंपियन बन रहे हैं। बृजभूषण के खिलाफ बोलने की किसी की हिम्मत नहीं है। एथलीटों ने आगे आकर उसके खिलाफ आवाज उठाई है। हम जानते हैं कि हमारे लिये भविष्य कठिन होने वाला है। पूरी सरकार उसे बचाने में लगी है।"