लंदन। दुनिया के नंबर दो और ब्रिटेन के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी एंडी मरे ने रविवार को वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लैम विम्बलडन के हाई वोल्टेज फाइनल मुकाबले में कनाडा के मिलोस राओनिक को हराकर दूसरी बार इस टूर्नामेंट का चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया।
दो घंटे और 48 मिनट तक चले इस बेहद रोमांचक मुकाबले में दूसरी वरीयता प्राप्त मरे ने छठी सीड राओनिक की चुनौती को लगातार सेटों में 6-4, 7-6, 7-6 से ध्वस्त कर खिताब अपने नाम किया। मारक सर्विस करने के लिए मशहूर कनाडा के तूफानी खिलाड़ी राओनिक अपने नाम इतिहास दर्ज करने से सिर्फ एक कदम दूर रह गए।
मरे के सामने कनाडाई खिलाड़ी जीत के लिए ज़ोर लगाते रहे, लेकिन ब्रिटिश खिलाड़ी ने अपने अनुभव और कौशल से दूसरी बार जीत का सेहरा अपने सिर सजा लिया। इससे पहले उन्होंने 2013 में यहां चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था।
29 वर्षीय मरे ने पहला सेट 6-4 से जीता। इसके बाद उन्हें अगले दोनों सेट जीतने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। राओनिक ने मरे को कड़ी चुनौती दी और मरे ने अगले दोनों सेट टाइब्रेक में जीते। उन्होंने दूसरा सेट टाईब्रेक में 7-3 से और तीसरा सेट भी टाईब्रेक में 7-2 से जीता।
अपने घरेलू समर्थकों की मौजूदगी में जोश तथा आत्मविश्वास से लबरेज़ मरे ने 11वीं बार ग्रैंड स्लेम फाइनल खेला। उन्होंने फाइनल में पहुंचने के साथ ही फ्रेड पैरी को पीछे छोड़कर नया ब्रिटिश रिकॉर्ड भी बनाया था। फाइनल जीतने के बाद मरे ने ग्रास कोर्ट पर लगातार मैच जीतने का आंकड़ा 12 तक पहुंचा दिया है।
ब्रिटिश खिलाड़ी ने मुकाबले में सात एस और 30 विनर्स लगाए। राओनिक ने आठ एस और 30 विनर्स लगाए। राओनिक दो में से एक भी ब्रेक अंक को नहीं भुना सके जबकि मरे को मैच में सात ब्रेक अंक मिले। हालांकि वे मात्र एक ही ब्रेक अंक भुनाने में कामयाब हो सके। मरे को कुल 115 अंक मिले जबकि राओनिक 102 अंक ही अर्जित कर सके।
मरे इस वर्ष के अब तक तीनों ग्रैंड स्लेम के फाइनल में पहुंचे। ब्रिटिश खिलाड़ी इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन और फ्रेंच ओपन के फाइनल में विश्व के नंबर एक खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच से हार गए थे लेकिन विंबलडन जीतने के बाद उन्होंने ब्रिटिश समर्थकों को खुशियां मनाने का एक मौका दे दिया।
मरे ने जैसे ही तीसरा सेट जीता, दर्शकों का शोर गूंज उठा। जीतने के बाद मरे ने अपनी आंखें बंद कर दोनों हाथों को खोलकर मुस्कुराते हुए आसमान की तरफ देखा और इस जीत के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने हाथ हिलाकर दर्शकों का भी अभिवादन किया।
कनाडाई खिलड़ी राओनिक किसी ग्रैंड स्लेम फाइनल में पहुंचने वाले अपने देश के पहले खिलाड़ी बने थे और उम्मीद की जा रही थी कि यदि 140 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दनदनाती सर्विस करने वाले राओनिक का जादू चलता है तो वह चैंपियन बनकर इतिहास दर्ज कर सकते हैं लेकिन मरे के सामने उनकी चल नहीं पाई।
ब्रिटिश खिलाड़ी ने विंबलडन फाइनल जीतने से पहले ही नवंबर में लंदन में होने वाले एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स के लिए भी अपनी जगह पक्की कर ली थी। वह आठ खिलाड़ियों के इस टूर्नामेंट में जोकोविच के बाद जगह बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। मरे लगातार नौवें सत्र में एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स खेलेंगे। (वार्ता)