नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने दो बार की राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता के संजीता चानू पर डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर लगा अस्थाई निलंबन वापस ले लिया है। करीब एक साल तक चले मामले में संजीता के नमूने के नंबर को लेकर प्रशासनिक गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी।
आईडब्ल्यूएफ ने बताया कि मामले पर अंतिम फैसला जल्दी ही लिया जाएगा। आईडब्ल्यूएफ की वकील इवा निरफा ने संजीता और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ को भेजे ईमेल में कहा, हमें अब तक मिली जानकारी के आधार पर आईडब्ल्यूएफ ने फैसला किया है कि संजीता पर लगाया गया अस्थाई निलंबन आज 22 जनवरी 2019 को हटा लिया जाए।
इसमें कहा गया, आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पेनल आने वाले समय में इस पर फैसला लेगी। गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल 2018 में भाग लेने वाली संजीता ने 53 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें स्टेरायड टेस्टोस्टेरोन के सेवन का दोषी पाया गया। उनके मूत्र का नमूना अमेरिका में नवंबर 2017 में हुई विश्व चैम्पियनशिप से पहले लिया गया था। उन पर 15 मई को अस्थाई प्रतिबंध लगाया गया था।
आईडब्ल्यूएफ की पेनल लेगी अंतिम फैसला : संजीता ने कहा कि उसकी बेगुनाही साबित हो गई है। उन्होंने प्रेस ट्रस्ट से कहा, मुझे अंतरराष्ट्रीय महासंघ का ईमेल मिला है और हमारे राष्ट्रीय महासंघ ने भी सुबह फोन पर इसकी जानकारी दी। मैं राहत महसूस कर रही हूं। मैं बेकसूर हूं और मैंने कभी अपने करियर में कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं लिया।
उन्होंने कहा, मैं ने अंतरराष्ट्रीय महासंघ की गलती की वजह से पिछले आठ नौ महीने में काफी मानसिक पीड़ा झेली है। कभी किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं हो क्योंकि खिलाड़ी की साख बहुत कीमती होती है। संजीता ने कहा कि भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने उसे राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने को कहा है।