भारतीय क्रिकेटरों के योयो टेस्ट स्कोर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं लेकिन पिछले कुछ अर्से से महिला हॉकी टीम फिटनेस पर लगातार काफी मेहनत कर रही है और कप्तान सलीमा टेटे का कहना है कि उनकी टीम का योयो टेस्ट का स्कोर 19.4 तक जा रहा है। सलीमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर बातचीत में कहा कि कोच हरेंद्र सिंह के आने के बाद से सबसे ज्यादा काम महिला टीम की फिटनेस पर हुआ है और इसका नतीजा देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा , हरेंद्र सर ने फिटनेस पर सबसे ज्यादा काम किया है। फिटनेस होने पर किसी भी टीम को हम हरा सकते हैं। जिन खिलाड़ियों के पास गति नहीं थी, अब उनके खेल में काफी बदलाव आया है। सुनेलिटा टोप्पो , नवनीत कौर , शर्मिला जैसी कई खिलाड़ी हैं जिनके पास गजब की रफ्तार है।
क्या महिला हॉकी खिलाड़ियों को भी योयो टेस्ट से गुजरना होता है, यह पूछने पर सलीमा ने कहा , बिल्कुल। ब्रेक के बाद जब भी घर से आते हैं तो योयो टेस्ट देना होता है। अब तो योयो स्कोर 19.4 तक जाने लगा है।
योयो इंटरमिटेंट रिकवरी टेस्ट खिलाड़ियों की फिटनेस और गतिशीलता का आकलन करने के लिये दुनिया भर में किया जाता है ।यह एक तरह का बीप टेस्ट होता है जिसमें खिलाड़ी को 20 मीटर की दूरी पर रखे गए दो कोणों के बीच दौड़ना होता है। पुरूष खिलाड़ियों में 20 से अधिक और महिलाओं में 16 से अधिक का स्कोर अच्छा माना जाता है।
भारतीय कप्तान ने कहा , कभी कभी लगता है कि सर क्यो इतना भगाते हैं लेकिन अब समझ में आता है कि इससे क्या फायदा मिलता है।
फिटनेस ड्रिल के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा , हमारे तीन तीन मिनट के स्मॉल गेम होते हैं जिसमें बहुत भागना होता है। यह काफी मुश्किल होता है जिसमें फिटनेस की अच्छी ड्रिल हो जाती है।
भारतीय महिला टीम का हाल ही में आस्ट्रेलिया दौरे पर प्रदर्शन औसत रहा जिसमें टीम सिर्फ एक मैच जीत सकी लेकिन सलीमा ने कहा कि इस दौरे से मिली सीख यूरोप में एफआईएच प्रो लीग के अगले चरण में काफी काम आयेगी ।
झारखंड के सिमडेगा की इस खिलाड़ी ने कहा , आस्ट्रेलिया बहुत अच्छी टीम है और हमने इस दौरे से हार नहीं मानना सीखा है । अब जो भी गलतियां की हैं, उसे प्रो लीग के यूरोप चरण में कवर करेंगे। अभी हमें पता चल गया कि अब आस्ट्रेलिया को किस तरह से अच्छी चुनौती दे सकते हैं ।
उन्होंने कहा, हमने आखिरी मैच अच्छा खेला और एक गोल से जीता। जीत तो जीत होती है, चाहे एक गोल से हो या ज्यादा से। इस दौरे पर युवाओं को मौका दिया गया जिससे आने वाले समय के लिये अच्छा पूल बन सकेगा । इससे वे दबाव का सामना करना सीखेंगे।
सलीमा ने कहा , कोच सर कहते हैं कि प्रक्रिया पर फोकस करो। अपना सर्वश्रेष्ठ खेलकर हारने पर मुझे बुरा नहीं लगेगा। अब हम यूरोप में प्रो लीग में बेहतर प्रदर्शन की पूरी कोशिश करेंगे।
भारतीय टीम 14 से 29 जून तक एफआईएच प्रो लीग के यूरोप चरण में लंदन, एंटवर्प, बर्लिन में आस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम और चीन के खिलाफ दो दो मैच खेलेगी। (भाषा)