नई दिल्ली। भारत को 1975 में एकमात्र विश्व कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान अजितपाल सिंह ने भुवनेश्वर में 28 नवंबर से शुरू हो रहे विश्व कप से पहले भारतीय टीम को एकजुट होकर खेलने और खिताब जीतने के इरादे से ही उतरने की सलाह देते हुए कहा कि अंतिम चार में पहुंचने पर पदक दूर नहीं।
भुवनेश्वर में विश्व कप 28 नवंबर से 16 दिसंबर तक खेला जाएगा। भारत ने अब तक सिर्फ एक बार 1975 में अजितपाल सिंह की कप्तानी में विश्व कप जीता है। आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय टीम ने 1973 में रजत और 1971 में कांस्य पदक जीता था।
यहां भारतीय हॉकी के इतिहास पर ‘द इलस्ट्रेटेड हिस्ट्री आफ इंडियन हॉकी : अ सागा ऑफ ट्रायंफ, पेन एंड ड्रीम्स’ के विमोचन के मौके पर उन्होंने भाषा से बातचीत में कहा, ‘टीम अधिक फिट और फार्म में लग रही है लेकिन इसे विश्व कप जीतने का बड़ा लक्ष्य लेकर ही उतरना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘अगर मैदान के भीतर और बाहर टीम एकजुट होकर खेली तो सेमीफाइनल तक जरूर पहुंचेगी और उसके बाद तो कोई भी टीम खिताब जीत सकती है। हमें दबाव झेलने की मानसिक तैयारी के साथ उतरना होगा। इसके अलावा आखिरी मिनटों में हो रही गलतियों पर भी अंकुश लगाना जरूरी है।’
वहीं मास्को ओलंपिक 1980 में आठवां और आखिरी ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे जफर इकबाल ने मनप्रीत सिंह एंड कंपनी को सलाह देते हुए कहा कि किसी भी टीम को हलके में लेने की गलती नहीं करे।
उन्होंने कहा, ‘भारत को चैम्पियन की तरह खेलना चाहिए। मेजबान होने के नाते दबाव जरूर होगा लेकिन मानसिक रूप से हमारे दौर की तुलना में यह टीम काफी मजबूत है। उन्हें आक्रामक हॉकी खेलनी चाहिए।’
उन्होंने यह भी कहा, ‘विश्व कप में सभी 16 टीमें पूरी तैयारी के साथ उतरी हैं लिहाजा किसी को हलके में लेने की गलती कतई नहीं करनी चाहिए। रियो ओलंपिक में हमने इसका खामियाजा भुगता था जब ग्रुप चरण में कनाडा से 2.2 से ड्रॉ खेला था।’