लंदन। भारतीय पुरुष हॉकी टीम अपनी बेहतरीन लय और अच्छी फार्म को कायम रखते हुए यहां वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में गुरुवार को स्कॉटलैंड के खिलाफ अपने अभियान की विजयी शुरुआत के लक्ष्य के साथ उतरेगी।
भारतीय टीम ने पिछले कुछ समय में कमाल का खेल दिखाते हुए अपने खेल में काफी सुधार किया है और वह ऊंचे मनोबल के साथ यहां टूर्नामेंट में उतरेगी। हालांकि मैच की पूर्व संध्या पर ही अनुभवी ड्रैग फ्लिकर तथा डिफेंडर रूपिंदर पाल सिंह हैमस्ट्रिंग चोट और मिडफील्डर एसके उथप्पा के पारिवारिक कारणों के बाहर हो जाने से उसे झटका लगा है।
कोच रोलैंट ओल्टमैंस वैसे दोनों खिलाड़ियों के बाहर हो जाने को झटका नहीं मानते हैं लेकिन मैच से पूर्व उसके लिए दो अनुभवी खिलाड़ियों का हटना मुश्किलें पैदा कर सकता है। इन दोनों की जगह अब जसजीत सिंह कुलर और मिडफील्डर सुमित को टीम में शामिल किया गया है। जसजीत भारतीय टीम के लिए 46 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं जबकि सुमित ने गत वर्ष अजलान शाह कप से ही पदार्पण किया है।
एफआईएच रैंकिंग में छठे नंबर की टीम भारत अच्छी फार्म में है और उसके भी उम्मीद है कि उसे 23वीं रैंकिंग की स्कॉटलैंड को हराने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। कोच रोलैंट ओल्टमैंस के मार्गदर्शन में लगातार खेल में सुधार कर रही भारतीय हॉकी टीम के लिए हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में खुद को साबित करने का मौका होगा जहां दुनिया की शीर्ष टीमें हिस्सा ले रही हैं।
लंदन के ली वैली हॉकी एंड टेनिस सेंटर में भारत और स्कॉटलैंड के मुकाबले को वैसे एकतरफा माना जा रहा है लेकिन भारतीय टीम को यहां सतर्कता बरतनी होगी और जीत का अंतर बड़ा रखने पर ध्यान देना होगा। वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में भारत के पास दिग्गज टीमों के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने का मौका होगा जो वर्ल्ड लीग फाइनल और 2018 हॉकी विश्वकप में अपनी जगह बनाने के लिए उतरेंगी।
भारतीय टीम को इन दोनों बड़े टूर्नामेंटों का मेजबान होने की बदौलत पहले ही जगह मिल चुकी है। लेकिन उसका प्रदर्शन भुवनेश्वर में होने वाले विश्वकप से पूर्व उसकी स्थिति तय करने के लिए अहम होगा। भारत की मेजबानी में होने वाले विश्वकप के लिए लंदन और जोहानसबर्ग सेमीफाइनलों से 10 टीमों का चयन होगा जबकि पांच कांटिनेंटल चैंपियन भारत के साथ विश्वकप का हिस्सा बनेंगे।
वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में भारतीय टीम यहां पूल बी में है जिसमें विश्व की चौथे नंबर की टीम हॉलैंड, कनाडा, पाकिस्तान और स्काटलैंड शामिल हैं जबकि पूल ए में पूर्व ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना, मेजबान इंग्लैंड, कोरिया, चीन और मलेशिया शामिल हैं। भारतीय टीम 15 जून को स्कॉटलैंड के बाद 17 जून को कनाडा के साथ और 18 जून को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ खेलने उतरेगी। इसके बाद 20 जून को उसका मुकाबला हॉलैंड के साथ होगा।
टीम इंडिया बेंगलुरु के साई सेंटर में कोच ओल्टमैंस के मार्गदर्शन में तैयारी करके यहां पहुंची है और इस टूर्नामेंट के लिए उसने काफी मजबूत टीम उतारी है। हालांकि उथप्पा और रूपिंदर के अलावा टीम के नियमित कप्तान पी आर श्रीजेश भी इस टीम का हिस्सा नहीं हैं। श्रीजेश की अनुपस्थिति में मिडफील्डर मनप्रीत सिंह को कप्तानी सौंपी गई है।
मनप्रीत, सरदार सिंह और उपकप्तान चिंगलेनसाना सिंह टीम के मिडफील्ड की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं फारवर्डो में एसवी सुनील, तलविंदर सिंह, मनदीप सिंह और आकाशदीप सिंह मुख्य खिलाड़ी होंगे जो काफी अनुभवी भी हैं। इसके अलावा पिछली पंक्ति में कोठाजीत सिंह और हरमनप्रीत पर काफी जिम्मेदारी रहेगी क्योंकि इस विभाग में भारतीय टीम कुछ कमजोर दिखती है।
भारत को अपने अनुभवी तीन अहम खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में नए खिलाड़ियों के साथ योजना में भी बदलाव करना पड़ सकता है और ओल्टमैंस की टीम के लिए जरूरी होगा कि वह मैदान पर अपनी योजनाओं को उतार सकें। टीम के पास वैकल्पिक गोलकीपरों में विकास दहिया और आकाश चिक्ते हैं और श्रीजेश की अनुपस्थिति में सबसे अहम जिम्मेदारी का भार संभालेंगे।
पूल बी में पाकिस्तानी टीम हॉलैंड का सामना करेगी जबकि पूल ए में विश्व की नंबर एक टीम अर्जेंटीना टूर्नामेंट के अन्य ओपनरों में कोरिया से भिड़ेगी। मेजबान इंग्लैंड की टीम चीन से मुकाबले के लिए उतरेगी। (वार्ता)