चेन्नई। गत उपविजेता भारतीय स्क्वैश टीम को मंगलवार से चेन्नई में शुरू होने जा रही विश्व जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप में 5वीं वरीयता दी गई है जबकि मिस्र शीर्ष वरीय टीम के रूप में उतरेगी। वर्ष 2016 में पोलैंड के बियेल्स्को बियाला में हुई विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भारतीय टीम उपविजेता रही थी और इस बार अपनी मेजबानी में उसे खिताब का दावेदार माना जा रहा है।
टूर्नामेंट में कनाडा को दूसरी और इंग्लैंड को तीसरी वरीयता दी गई है जबकि भारत को 5वीं वरीयता मिली है। पिछली बार का चैंपियन पाकिस्तान इस बार 11वीं वरीयता पर खिसक गया है। विश्व जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप का फाइनल 29 जुलाई को आयोजित होगा।
चैंपियनशिप में कुल 24 देश हिस्सा ले रहे हैं और उन्हें 8 ग्रुपों में बांटा गया है। भारतीय टीम ग्रुप ई में शामिल है और उसके साथ अन्य टीमें स्विट्जरलैंड और सऊदी अरब हैं। राष्ट्रीय कोच साइरस पोंछा ने टूर्नामेंट को लेकर कहा कि भारतीय टीम को अपने ग्रुप ई में शीर्ष पर आना होगा ताकि उनके शीर्ष 8 में चेक गणराज्य और पाकिस्तान के साथ खेलने की संभावना रहे।
उन्होंने कहा कि हमारी टीम में क्षमता है और वे जीत के दावेदार के रूप में उतरेंगे। प्रत्येक ग्रुप से 2 टीमों को नॉकआउट में पहुंचने का मौका मिलेगा। ग्रुप ए में शीर्ष वरीय मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की टीमें हैं। ग्रुप बी में कनाडा, अर्जेंटीना, स्कॉटलैंड, ग्रुप सी में इंग्लैंड, आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका, ग्रुप डी में मलेशिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रुप ई में भारत, स्विट्जरलैंड, सऊदी अरब, ग्रुप एफ में चेक गणराज्य, पाकिस्तान, जिम्बाब्वे, ग्रुप जी में कोलंबिया, न्यूजीलैंड, कतर और ग्रुप एच में अमेरिका, हांगकांग, चीन और फिनलैंड शामिल हैं। (वार्ता)