नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले चैंपियन पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट इस साल 'राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार' की दौड़ में हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ के एक सूत्र ने बताया कि बजरंग ने महासंघ के जरिए नामांकन भर दिया है, जबकि विनेश की सिफारिश खेल मंत्रालय कर सकता है। खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एशियाई खेलों में खिलाड़ियों के प्रदर्शन की समीक्षा सितंबर के पहले सप्ताह में करेंगे। इसके बाद मंत्रालय चयन समिति को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए अपने सुझाव दे सकता है।
हर साल खेल पुरस्कार महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 सितंबर को दिए जाते हैं, लेकिन इस बार समारोह 25 सितंबर को होगा, ताकि एशियाई खेलों से तारीख का टकराव नहीं हो। डब्ल्यूएफआई के एक अधिकारी ने कहा, बजरंग ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन दे दिया है।
राष्ट्रमंडल खेल और एशियाड के शानदार प्रदर्शन के बाद वे इस पुरस्कार के हकदार हैं। हमें नहीं पता कि विनेश ने खुद नामांकन भरा है या नहीं, लेकिन मंत्रालय उनके नाम की अनुशंसा कर सकता है। उन्होंने कहा, दोनों ही खेल रत्न पुरस्कार के प्रबल दावेदार हैं और दोनों जीतते हैं तो कोई हैरानी नहीं होगी।
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के साथ विनेश और बजरंग भी प्रबल दावेदार हैं। अधिकारी ने कहा, बजरंग और विनेश ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में असाधारण प्रदर्शन किया है, खासकर एशियाई खेलों में तो प्रतिस्पर्धा काफी कठिन थी।
उन्होंने कहा, मंत्रालय को 30 अप्रैल की कटऑफ तारीख को मिली सूची में विनेश और बजरंग के नाम नहीं थे, लेकिन एशियाई खेलों में प्रदर्शन की समीक्षा बैठक जल्दी ही होगी और मंत्रालय कुछ खिलाड़ियों के नाम की अनुशंसा चयन समिति को करेगा। विनेश एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनीं।
उन्होंने इंचियोन एशियाड में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने 2014 और 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। बजरंग ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण के अलावा विश्व चैंपियनशिप 2013 में कांस्य पदक जीता।
उन्होंने 2014 एशियाई खेलों और ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। अब तक एक ही साल में सर्वाधिक चार खिलाड़ियों को खेल रत्न सम्मान 2016 में दिया गया, जब रियो ओलंपिक के बाद पीवी सिंधू, साक्षी मलिक, दीपा करमाकर और जीतू राय को इससे नवाजा गया था। (भाषा)