इंदौर। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार गुरुवार से यहां शुरू हो रही राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में सभी के आकर्षण का केंद्र होंगे, जहां वह तीन साल बाद मैट पर वापसी करेंगे।
पुरुष फ्रीस्टाइल के दिग्गज पहलवान सुशील के अलावा इस चार दिवसीय टूर्नामेंट के महिला वर्ग में सभी की नजरें रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और गीता फोगाट पर टिकी होंगी।
लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त हालांकि प्रतिस्पर्धी कुश्ती से दूर रहेंगे, जबकि बजरंग पूनिया भी इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि वह 21 से 26 नवंबर तक पोलैंड के बिडगोज में होने वाली अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं।
अगले साल राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में वापसी की तैयारी कर रहे सुशील 74 किग्रा वर्ग में एक बार फिर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने उतरेंगे और अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। वह रेलवे का प्रतिनिधित्व करेंगे।
जार्जिया के तबलिसी में ट्रेनिंग करने वाली सुशील दिनेश के खिलाफ 74 किग्रा वर्ग में चयन ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए पिछले हफ्ते ही स्वदेश लौटे थे। राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन दिनेश ने हालांकि सुशील को वॉकओवर दे दिया।
सुशील ने क्वालीफाइंग प्रतियोगिता के बाद कहा, कुश्ती प्रशंसकों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में तरोताजा सुशील कुमार देखने को मिलेगा। चौंतीस साल के सुशील को पिछली बार 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में चुनौती पेश करते हुए देखा गया था, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
सुशील को रियो ओलंपिक 2016 में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था जब डब्ल्यूएफआई इस वादे से पलट गया कि इन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का फैसला करने के लिए उनके और नरसिंह के बीच ट्रायल होगा।
सुशील ने इसके बाद अदालत का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने 74 किग्रा वर्ग में ट्रायल की उनकी मांग ठुकरा दी। अगस्त में विश्व चैंपियनशिप में खराब प्रदर्शन के बाद साक्षी और विनेश फोगाट इस टूर्नामेंट के जरिए फार्म हासिल करने की कोशिश करेंगी।
साक्षी महिला 62 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करेंगी। इस टूर्नामेंट में 800 पहलवान, 100 कोच और 50 तकनीकी अधिकारी हिस्सा लेंगे। बबिता कुमारी हालांकि चोट के कारण इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगी।