पेरिस। लातविया की गैर वरीयता प्राप्त येलेना ओस्टोपेंको ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए यहां महिला एकल फाइनल में पहला सेट गंवाने के बाद शानदार वापसी करके तीसरी वरीय सिमोना हालेप को हराकर फ्रेंच ओपन खिताब जीता। बीस वर्षीय ओस्टापेंको ने यह कड़ा मुकाबला 4-6, 6-4, 6-3 से जीता। वे रोलां गैरां में खिताब जीतने वाली पहली गैर वरीय और सबसे कम रैंकिंग की खिलाड़ी बन गई हैं।
लातविया की वह पहली खिलाड़ी है जिसने कोई ग्रैंडस्लैम खिताब जीता। यही नहीं, वे इवा मजोली (1997) के बाद सबसे कम उम्र की फ्रेंच ओपन विजेता हैं और गुस्तावो कुएर्टन के बाद पहली ऐसी खिलाड़ी हैं जिसने ग्रैंडस्लैम में पदार्पण टूर स्तरीय खिताब जीता। कुएर्टन ने 1997 में रोलां गैरां पर ही यह कमाल दिखाया था। हालेप लिली नतासे और वर्जीनिया रूजिसी के बाद ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली तीसरी रोमानियाई खिलाड़ी बनने की राह पर थी लेकिन रोलां गैरां पर उन्हें चार साल में दूसरी बार फाइनल में हार झेलनी पड़ी।
अगर यह 25 वर्षीय खिलाड़ी खिताब जीत लेती तो एंजलिक कर्बर की जगह विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बन जाती लेकिन ओस्टोपेंको के सामने उनकी एक नहीं चली जिन्होंने 54 विनर्स लगाये। इसके जवाब में हालेप केवल दस विनर ही जमा पायी। हालेप ने कहा कि मैं आहत हूं लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में यह खिताब जीतने में सफल रहूंगी। मैं येलेना को बधाई देती हूं। इसका आनंद उठाओ और ऐसा ही अच्छा प्रदर्शन जारी रखो।
दूसरे सेट के शुरू में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। उन्होंने एक दूसरे की सर्विस तोड़ी जिससे स्कोर 4-4 हो गया। इसके बाद हालांकि ओस्टापेंको ने शून्य पर हालेप की सर्विस तोड़ी और फिर यह सेट अपने नाम करके मैच को निर्णायक सेट तक खींच दिया। ओस्टोपेंको इसके बाद भी हावी होकर खेली और उन्होंने 4-3 की बढ़त हासिल करके हालेप को परेशानी में डाल दिया। क्वार्टर फाइनल में इलिना स्वितोलिना के खिलाफ मैच प्वाइंट बचाने वाली हालेप इस बार ऐसा कोई कमाल नहीं दिखा पायी और ओस्टापेंको ने एक और ब्रेक प्वाइंट लेकर खिताब अपने नाम किया। (भाषा)