मेक्सिको की टीम रविवार को यहाँ फीफा विश्व कप के दूसरे राउंड में जब अर्जेंटीना के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश चार साल पुराना बदला चुकता करने की होगी।
विश्व कप 2006 में अर्जेंटीना ने अंतिम 16 में मैक्सी रोड्रिगेज के अदभुत गोल से मेक्सिको को हराया था और दिलचस्प बात यह है कि दोनों टीमें फिर से इस साल भी टूर्नामेंट के उसी चरण में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी।
मेक्सिको को 2006 में अर्जेंटीना से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था और टीम की ओर से एकमात्र गोल करने वाले मिडफील्डर राफेल मार्केज ने कहा कि चार साल पहले मेरी टीम को एक जख्म मिला था और उम्मीद है कि हम रविवार को इसका बदला चुकता कर पाएँगे। लेकिन यह चुनौती डिएगो माराडोना की आक्रामक टीम के सामने काफी कठिन लगती है क्योंकि हर टीम इस बार उनके सामने आने से बचना चाह रही है।
प्रिटोरिया में हालाँकि मेक्सिको को लियोनल मैसी, गोंजालो हिगुएन और कालरेस टेवेज जैसे स्ट्राइकरों को रोकना होगा जो इतना आसान नहीं है।
मिडफील्ड में खेलने वाले मैसी पिछली बार की तरह गोल करने बजाय टीम को जीत दिलाना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं टीम के जीतने से ही खुश हो सकता हूँ। जो कुछ भी हुआ, वह इतिहास बन चुका है।
दोनों टीमें एक-दूसरे से 25 बार भिड़ चुकी हैं, जिसमें से मेक्सिको को सिर्फ चार में जीत मिली है। लेकिन क्वालीफाइंग में लड़खड़ाने वाली मेक्सिको ने यहाँ ग्रुप ए में 2006 के उप विजेता फ्रांस को 2-0 से शिकस्त दी और ग्रुप में दूसरे स्थान पर रही।
अर्जेंटीना की टीम को ग्रुप में किसी भी मैच में हार का मुँह नहीं देखना पड़ा है और जेवियर अगुरे की टीम उनके खिलाफ किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी। इस मैच की विजेता टीम क्वार्टरफाइनल में इंग्लैंड और जर्मनी के बीच होने वाले विजेता से भिड़ेगी। (भाषा)