भारतीय ओलिंपिक संघ ने ओलिंपिक चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता जताई है और कहा है कि वह सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ लड़ेगा। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने धमकी दी थी कि अगर आईओए के आगामी चुनाव खेल मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक हुए तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वीके मल्होत्रा ने आईओसी को लिखा है कि पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव आईओए के संविधान के तहत होंगे, क्योंकि सरकार की खेल संहिता के तहत किसी का भी नामांकन खारिज नहीं किया गया है।
मल्होत्रा ने आईओसी प्रमुख जॉक रोगे को लिखे पत्र में कहा, कार्यकारी समिति और पदाधिकारियों के चुनाव में हमारी संविधान सरकारी दिशा-निर्देशों को नहीं मानता। आईओए ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय चुनाव पैनल नियुक्त किया है, जिसमें उच्च न्यायालय के दो सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश और एक उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल है।
उन्होंने कहा, चुनाव आयोग ने मुझे सूचित किया है कि सरकारी दिशा-निर्देशों के आधार पर किसी का नामांकन खारिज नहीं किया गया है। सभी नामांकन भारतीय ओलिंपिक संघ के संविधान के आधार पर दाखिल किए गए और इनकी समीक्षा हुई। (भाषा)