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इटली को अंतिम 16 के लिए जीत की दरकार

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इरीन , बुधवार, 23 जून 2010 (18:55 IST)
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इटली को अगले दौर में पहुँचने और खिताब बरकरार रखने की दावेदारी बनाये रखने के लिए गुरुवार को यहाँ होने वाले फुटबॉल विश्व कप के ग्रुप 'एफ' के मैच में स्लोवाकिया को हर हालत में हराना होगा, वरना 'अजुरी टीम' का हश्र भी फ्रांस की तरह होगा, जो गत चैम्पियन के रूप में 2002 में ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई थी।

ग्रुप 'एफ' में पराग्वे की टीम चार अंक लेकर शीर्ष पर बनी हुई है जबकि गत चैम्पियन इटली और न्यूजीलैंड के दो-दो अंक हैं। स्लोवाकिया अंतिम स्थान पर है और उसका सिर्फ एक अंक है।

इटली की टीम ने अपने ग्रुप के दो मैचों में पराग्वे और 78वीं रैंकिंग पर काबिज न्यूजीलैंड दोनों से 1-1 से ड्रॉ खेला था। दोनों टीमों के खिलाफ उसके स्ट्राइकरों को लक्ष्य भेदने में काफी परेशानी हो रही थी।

अगर इटली की टीम जोहानसबर्ग में एलिस पार्क में जीत दर्ज कर लेती है तो वह अगले दौर के लिए क्वालीफाई कर लेगी, लेकिन अगर वह ड्रॉ खेलती है तो अजुरी को उम्मीद करनी होगी ग्रुप का दूसरा मैच भी ड्रॉ पर समाप्त हो, साथ ही इटली की टीम न्यूजीलैंड द्वारा पराग्वे पर किए गए गोल से ज्यादा गोल दागे।

लेकिन अगर दोनों ग्रुप मैच एक समान स्कोर से ड्रॉ पर समाप्त होते हैं तो सिक्का फेंककर फैसला किया जाएगा कि अंतिम 16 में इटली पहुँचेगी या न्यूजीलैंड की टीम। स्लोवाकिया एक ही हालत में अगले दौर में पहुँच सकती है, अगर वह जीत दर्ज करे और साथ ही उम्मीद करे कि पराग्वे जीत जाये या ड्रॉ खेले।

स्लोवाकिया की टीम 1993 के बाद चेकोस्लोवाकिया से अलग होने के बाद पहला बड़ा टूर्नामेंट खेल रही है। कोच व्लादिमीर की टीम ने न्यूजीलैंड से 1-1 से ड्रॉ खेला था जबकि वह पराग्वे से 0-2 से हार गई थी।

इटली के मिडफील्डर डेनियल डि रोस्सी ने कहा कि हम चिंतित हैं। मैंने पहले भी कहा था और अब दोबारा कह रहा हूं कि अगर हम पहले राउंड को पार नहीं कर पाए तो यह हमारे लिए असफलता होगी। अगर हम जीत नहीं पाते तो हम क्वालीफाई करने के हकदार नहीं हैं।

इटली की टीम हालाँकि इस बात से राहत महसूस कर सकती है कि 1982 में भी उसने शुरूआती दो मैचों मेंड्रॉ खेला था लेकिन इसके बाद टीम ने अपनी तीसरी विश्व कप ट्रॉफी हासिल की थी, बल्कि अजुरी टीम ने 1982 में अपने तीनों शुरुआती मैच ड्रॉ खेले थे।

उनके कोच मार्सेलो लिप्पी ने कहा कि हैरान मत होना जब यह टीम कुछ अच्छे परिणाम देना शुरू कर देगी। इटली के गोलकीपर जियानल्यूगी बुफन लगातार अपना दूसरा मैच नहीं खेल पाएँगे, जिससे यह जिम्मेदारी फेडरिको मार्चेटी ही निभाएँगे।

मिडफील्डर आंद्रिया पिरलो के चोट से वापसी की उम्मीद है जो तीन जून को मैक्सिको के खिलाफ अभ्यास मैच के बाद से टूनामेंट में नहीं खेल पाये हैं। हालाँकि टीम की सबसे बड़ी समस्या आक्रमण ही है क्योंकि उन्होंने पिछले सात मैचों में सिर्फ पाँच गोल दागे हैं। (भाषा)

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