...और टूट गया मेजबान की जीत का सिलसिला
नई दिल्ली , बुधवार, 23 जून 2010 (18:25 IST)
दक्षिण अफ्रीका ने अब तक फीफा विश्व कप की सफल मेजबानी के साथ अपनी क्षमता दिखा दी है लेकिन वह खेल के मैदान पर खुद को साबित करने में विफल रहा और इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के पहले दौर से ही मायूस होकर बाहर होने वाला दुनिया का पहला मेजबान देश बना।दक्षिण अफ्रीकी टीम ग्रुप 'ए' में तीसरे स्थान पर रहते हुए फीफा विश्व कप के 80 साल के इतिहास में पहले दौर में ही बाहर होने वाली पहली घरेलू टीम बनी और इसके साथ ही मेजबानों के कम से कम दूसरे दौर में जगह बनाने का सिलसिला भी टूट गया।दक्षिण अफ्रीका ने इससे पहले 1998 में फ्रांस और 2002 में दक्षिण कोरिया और जापान की सह मेजबानी के आयोजित विश्व कप में भी शिरकत की थी, लेकिन तब भी टीम पहले दौर से ही बाहर हो गई थी।अब तक हुए 18 विश्व कप में सात टीमें चैम्पियन बनने में सफल रही जिसमें ब्राजील (पाँच बार का चैम्पियन) के अलावा अन्य सभी टीमें अपनी सरजमीं पर खिताब जीतने में सफल रहे।मेजबान के रूप में खिताब जीतने वाली टीमों में उरुग्वे (1930), इटली (1934), इंग्लैंड (1966), जर्मनी (1974), अर्जेन्टीना (1978) और फ्रांस 1998) शामिल हैं जबकि स्वीडन (1958) और स्पेन (1982) में इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी के दौरान उपविजेता रहे थे।विश्व कप की कई टीमों ने तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अपने ही देश में किया है, जिसमें स्वीडन 1958 में उप विजेता रहा था जबकि चिली ने 1962 में तीसरा और दक्षिण कोरिया ने 2002 में चौथा स्थान हासिल किया था। कोरिया ने जापान के साथ विश्व कप की सह मेजबानी की थी। मैक्सिको में दो बार विश्व कप का आयोजन किया गया और इन दोनों अवसरों पर वह क्वार्टर फाइनल तक पहुँचने में सफल रहा, जबकि जापान 2002 में दूसरे दौर तक पहुँचा था।वर्ष 1930 में जब इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की शुरुआत हुई तो उरुग्वे टूर्नामेंट का आयोजन करते हुए फाइनल में अर्जेन्टीना को हराकर विश्व कप जीतने वाला पहला देश बना।चार साल बाद फुटबॉल के महासमर का कारवाँ जब इटली पहुँचा को 'अजूरी टीम' चेकेस्लोवाकिया को 2-1 से हराकर चैम्पियन बनी। फ्रांस 1938 में पहले दो मेजबानों की सफलता को दोहराने में नाकाम रहा लेकिन इसके बावजूद वह अंतिम आठ में जगह बनाने में सफल रहा।विश्व युद्ध के कारण अगले दो विश्व कप का आयोजन नहीं हो पाया जबकि 1950 में ब्राजील की मेजबानी में विश्व कप राउंड रॉबिन आधार पर खेला गया। (भाषा)