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केशवन को तिरंगे के साथ न उतरने का मलाल

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नई दिल्ली , शनिवार, 1 मार्च 2014 (15:27 IST)
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नई दिल्ली। शीतकालीन ओलंपिक खेलों में लंबे समय से भारत की अगुवाई कर रहे शिवा केशवन को लगता है कि अगले महीने सोच्ची खेलों में आईओसी झंडे के तले भाग लेने का अपमान उन्हें देश में भ्रष्टाचार की याद दिलाता रहेगा जिसके कारण देश के एथलीट इन खेलों में तिरंगा फहराने के मौके से महरूम रह जाएंगे।

सोच्ची के लिए क्वालीफाई होने वाले भारतीय एथलीट, जिसमें केशवन भी शामिल हैं, को आईओए पर ओलंपिक अभियान से निलंबन के जारी रहने के कारण आईओसी ध्वज के तले भाग लेने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।

अगले महीने आईओए नौ फरवरी को नए चुनाव कराएगा लेकिन यह सोच्ची खेलों के शुरू होने से दो दिन बाद होगा, जिसका मतलब है कि एथलीटों को आईओसी के बैनर तले ही मैदान पर उतरना होगा। केशवन ने कहा, हां, अगर भारतीय एथलीट अपने देश के झंडे तले भाग नहीं ले सकते तो यह निश्चित रूप से चिंता की बात है। फिर वे किसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं?

शीतकालीन खेलों में लूज में भाग लेने वाले इस एथलीट ने कहा, मैं उन सभी एथलीटों के लिए दुखी हूं जिन्होंने अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का अपना सपना पूरा करने के लिए अपनी जिंदगी के बेहतरीन वर्षों का त्याग किया। कुछेक को इस गर्व का अनुभव कभी नहीं होगा।

उन्होंने कहा, मैं पूरी दुनिया में हम सभी भारतीयों के लिए दुखी हूं जिन्हें याद दिलाया जाएगा कि देश का भ्रष्टाचार किस तरह हमारे तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान बजने के बीच खड़ा हो गया है।

केशवन ने कहा, क्या हमारे खेल प्रशासन में ऐसे लोग हैं जो देश को खुद से आगे रख सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि भविष्य में भारत के लिए ऐसा अपमान नहीं होगा? (भाषा)

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