मानसिक, शारीरिक दृढ़ता और कड़ी मेहनत के साथ पाँच देशों की अजलान शाह कप हॉकी चैंपियनशिप का खिताब भारत के नाम करने के पक्के इरादे के साथ पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ संदीपसिंह की कप्तानी में टीम इंडिया आज मध्यप्रदेश की ताल-तलैया की नगरी राजधानी भोपाल के गोरागाँव से मलेशिया के लिए रवाना हो गई।
टीम इंडिया चीफ कोच और पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी हरेन्द्रसिंह ने टीम रवाना होने के पहले बताया कि 05 अप्रैल से मलेशिया के इपोह में आयोजित पाँच देशों भारत, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, मिस्र और मेजबान मलेशिया के बीच लीग कम नाकआउट पद्घति पर होने वाली सुल्तान अजलान शाह कप अंतरराष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप खेली जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस चैंपियनशिप का खिताब जीतने के दृढ़ संकल्प और पूर्ण तैयारियों के साथ युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के बेहतर संतुलन वाली टीम इंडिया वहां जा रही है। चैंपियनशिप में पाँचों टीमें प्रारंभ में आपस में लीग मैच खेलेगी और लीग में पहले दो स्थान पर आने वाली टीमों के बीच खिताबी मुकाबला होगा।
दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के कारण ओलिम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाए हरेन्द्र ने कहा कि टीम इंडिया के संभावित 24 खिलाड़ियों ने जनवरी माह से भोपाल के गोरागाँव में स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (सांई) के सेन्ट्रल जोन सेंटर में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एस्ट्रो टर्फ मैदान पर अपना डेरा जमाकर मैदान में कठिन मेहनत के साथ पसीना बहाकर अपनी कमजोरियों को दूर किया है।
हरेन्द्र ने बताया कि इसके साथ ही खिलाड़ियों को विदेशी टीमों की रणनीति का वीडियो के माध्यम से बारीकी से अध्ययन किया है। गौरतलब है कि हरेन्द्रसिंह का चयन वर्ष 1992 के ओलिम्पिक में खेलने जाने वाली टीम इंडिया हॉकी टीम में हो गया था और किट तैयार कर एयरपोर्ट पहुँचने के बाद उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से टीम से निकाल दिया गया था।
तब हरेन्द्र ने हॉकी खेलेने को अलविदा कहने का निर्णय लेकर कोच बनने का संकल्प लेकर ओलिम्पियन हॉकी खिलाड़ी नहीं बनने के अधूरे सपने को कोचिंग के माध्यम से ओलिम्पिक खिलाड़ी पैदा करने का प्रण किया और इसी दिशा में पिछले दस वर्षो से जी-जान से लगे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि 19 मार्च से आज तक यहाँ आयोजित प्रशिक्षण शिविर में सभी खिलाड़ियों ने उनके (हरेन्द्रसिंह) सहायक कोच पूर्व ओलिम्पियन रमणदीपसिंह (फुल बैक) और चर्चित पूर्व अंतरराष्ट्रीय गोलकीपर रोमियों जेम्स के मार्गदर्शन में मॉर्डन हॉकी में सफल होने के गुरों को बारीकी से समझने और उसका मैच के दौरान कैसा उपयोग किया जाए, का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
हरेन्द्रसिंह का कहना है कि मार्डन हॉकी में तेज गति और दमखम सबसे मजबूत पक्ष हो गया है। इसको ध्यान में रखते हुए शिविर के दौरान खिलाड़ियों से इस पर कड़ी मेहनत कराई और अजनाल चैंपियनशिप में पिछली बार फाइनल में पराजय का बदला लेकर खिताब हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उन्होंने कहा कि गोरेगांव के सांई सेंटर में हॉकी खेलने की सुविधा और शुद्व पर्यावरण तथा राजधानी के तात्या टोपे टीटी नगर स्टेडियम में आधुनिक जिम्नेशियम की सुविधा है वैसी देशभर में कही नहीं है।
यहाँ का सांई सेंटर देश का एकमात्र ऐसा सेंटर है, जहाँ अभ्यास के लिए आधुनिक सुविधाओं से सज्जित दो एस्ट्रो टर्फ मैदान और एक मैदान पर फ्लड लाईट में खेलने की सुविधा है। देश में फ्लड लाईट की सुविधा एकमात्र यहाँ होने के कारण टीम इंडिया के खिलाड़ियों, कोच और चयनकर्ताओं के लिए यह सबसे पहली पसंद वाला मैदान हो गया है।
टीम इंडिया के कप्तान संदीप सिंह ने कहा कि दो माह के दौरान टीम ने पंजाब गोल्ड कप अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतने के साथ ही अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का सफल दौरा करके आई है, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल काफी ऊँचा है।
उन्होंने कहा कि टीम में जहां दिलीप टिर्की, अर्जुन हलप्पा, सरदारासिंह, वी.रघुनाथ तुषार खांडेकर, बलजीतसिंह और एड्रिन डिसूजा जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं तो इग्नेश टिर्की, शिवेन्द्रसिंह, एसबी सुनील, भारत चिकारा जैसे युवा खिलाड़ियों के कारण टीम बेहद संतुलित हो गई है।
संदीप ने टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी दिलीप टिर्की के बारे में कहा कि वह भारतीय हॉकी के सचिन तेंडुलकर हैं और वह विश्व का सर्वश्रेप्ठ डिफेंडर मजबूत सुरक्षा दीवार (चाइना वॉल) होने के कारण टीम इंडिया की धरोहर बन गया है।
कप्तान का कहना है कि हमारा पहला लक्ष्य होगा कि टीम इंडिया फाइनल में स्थान बनाये और फिर खिताब जीते1 उन्होंनें कहा कि चीफ कोच इंचार्ज हरेन्द्र सिंह द्वारा मार्डन हॉकी के बताए गए गुर और प्रत्येक खिलाड़ी के साथ उसकी मैदान के अंदर और बाहर की समस्या को सही सलाह देकर हल करने का जो काम किया जा रहा है, उससे टीम में एक नया जोश आ गया है।
विश्व हॉकी के नक्शे पर देश के तिरंगे की शान को गर्व के साथ लहराने वाले और दुनिया में सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच खेलने का रेकॉर्ड अपने नाम करने वाले दिलीप टिर्की ने कहा कि पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ संदीपसिंह सहित अन्य का उपयोग मैदानी और शॉर्ट कॉर्नर को गोल में बदलने का उपयोग टीम इंडिया के खिलाड़ियों को सही तरीके से करना होगा।
यदि ऐसा करने में हम सफल हो गए तो टीम इंडिया के जारी जीत के सफर को किसी टीम को रोकना आसान नही होगा।