चार बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम पर यहाँ चल रही महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के दौरान ‘खेल प्रतिष्ठा के विपरीत व्यवहार’ के लिए माफी माँगी, जिसके बाद उन पर लगा अस्थाई निलंबन आज हटा दिया गया। इस मणिपुरी मुक्केबाज ने वादा किया कि वह भविष्य में दोबारा इस तरह का व्यवहार नहीं करेंगी।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीएफ) के महासचिव पीकेएम राजा ने कहा, 'मैरीकॉमकी उपलब्धियों और सीनियर स्तर को देखते हुए उस पर 27 अक्टूबर तक लगा अस्थाई निलंबन हटा दिया गया क्योंकि उसने आज सुबह ज्यूरी और अधिकारियों से माफी माँग ली।'
अखिल भरतीय पुलिस बोर्ड (एआईपीबी) का प्रतिनिधित्व करने वाली मैरीकॉम सोमवार को क्वार्टर फाइनल में हरियाणा की पिंकी जिंगड़ा से मिली अप्रत्याशित हार के बाद आपा खो बैठी थी। इसके बाद खेल के विपरीत व्यवहार करने के लिए उन पर अस्थाई निलंबन लगा दिया गया था।
राजा ने कहा कि आईबीएफ कार्यकारी परिषद ने मैरीकॉम को बुलाया और ज्यूरी सदस्यों ने उससे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की चर्चा की। इस परिषद में खुद राजा, उपाध्यक्ष एनएस किची और असित बनर्जी, सीनियर संयुक्त सचिव और मौजूदा चैम्पियनशिप के तकनीकी निदेशक अनिल बोहिधर मौजूद थे।
मैरीकॉम ने परिषद के सामने माफी माँगी और वादा किया कि भविष्य में इस तरह के व्यवहार का दोहराव नहीं होगा। राजा ने कहा कि इसके बाद आईबीएफ कार्यकारी परिषद ने फैसला किया कि उन पर लगा निलंबन हटा दिया जाए क्योंकि 27 अक्टूबर तक कोई भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं है।
आईबीएफ अधिकारियों ने मैरीकॉम के ज्यूरी के साथ किए गए व्यवहार को ‘हार के बाद क्षणिक प्रतिक्रिया’ करार किया, लेकिन साफ किया कि आईबीएफ इस तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा, भले ही मुक्केबाज ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हों।
राजा ने कहा कि मैरीकॉमविश्व चैम्पियन और सीनियर मुक्केबाज हैं तथा आईबीएफ का उसे दंडित करने का फैसला अन्य खिलाड़ियों के लिये उदाहरण बनेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि महिला मुक्केबाजी की एंबेसडर मैरीकॉम खेल को बढ़ावा देने के लिए उदाहरण पेश करेंगी।
मैरीकॉम काउंट बैक में पिंकी के खिलाफ बाउट हार गई थी और 15.15 का स्कोर होने के बाद पाँच सदस्यीय ज्यूरी को इसका फैसला करने के लिए आगे आना पड़ा।