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विम्बलडन के सितारों में एक कातिल

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हमें फॉलो करें विम्बलडन कद्दावर हस्तियों एक कातिल
लंदन (वार्ता) , गुरुवार, 28 जून 2007 (17:33 IST)
सिने जगत और फैशन की दुनिया की कई कद्दावर हस्तियों के अलावा एक कातिल की तस्वीर भी विम्बलडन के सितारों के 130 साल के एलबम की शोभा बढा़ रही है।

रेवरेंड जान हार्टले ने सेंट लेजर गुल्ड को हराकर 1879 में इस ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नामेंट का पुरुष खिताब जीता था। हार्टले भले ही विस्मृत हो गए हों मगर गुल्ड की याद अब भी जेहन में खौफ पैदा करती है।

आयरलैंड के गुल्ड और उनकी पत्नी मैरी को 1907 में हत्या के एक सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किया गया। इन दोनों ने डेनमार्क की एक महिला की हत्या कर उसका शव संदूक में छिपा दिया था।

गुल्ड और मैरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और डेविल्स द्वीप भेज दिया गया। इस घटना के साल भर बाद गुल्ड की इस द्वीप में कैद में ही मौत हो गई।

गुल्ड का अंत भले ही दुखद रहा हो मगर विम्बलडन के बाकी सितारों ने काफी धन और नाम कमाया।

भारत के विजय अमृतराज विम्बलडन में अपने पराक्रम के अलावा जेम्स बांड की फिल्म आक्टोपसी में अपनी भूमिका के लिए भी जाने जाते हैं। इस फिल्म में उन्होंने रोजर मूर को गुंडों से बचाने के लिए अपने टेनिस रैकेट का सहारा लिया था।

ब्रिटेन की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी एनाबेल क्राफ्ट टेलीविजन प्रेजेंटर के तौर पर काफी चर्चित रहीं एक रिएलिटी टेलीविजन शो में उन्होंने सितारों की कुश्ती भी जीती।

फैशन और टेनिस का हमेशा से चोली दामन का साथ रहा है। रेन लेकोस्टे ने अपने पुकारु नाम क्रोकोडाइल को खेल के सामान की अपनी कंपनी का लोगो बना लिया और उसके ईद-गिर्द पूरा फैशन साम्राज्य खडा़ करने में सफल रहे।

फ्रेड पेरी ने 1934 से 1936 तक खिताबों की तिकड़ी बनाई और विम्बलडन जीतने वाले ब्रिटेन के आखिरी पुरुष रहे। उन्होंने भी सिलेसिलाए कपड़ों के अपने कारोबार में काफी तरक्की की।

तीन बार की विम्बलडन चैम्पियन मारग्रेट कोर्ट को 1991 में धर्मगुरु की उपाधि मिली और उन्होंने पश्चिम ऑस्ट्रेलिया में विक्टरी लाइफ चर्च की शुरुआत की। आंद्रे जैगर ने कैंसर पीड़ितों की सहायता के लिए एक संस्था खोली और खुद भी नन बन गईं।

विम्बलडन लॉन टेनिस म्यूजियम की क्यूरेटर होनर गाडफ्रे 1878 के पुरुष चैम्पियन फ्रैंक हैडो को अपना हीरो नंबर वन मानती हैं।

गाडफ्रे ने कहा कि हैडो सिलोन में चाय बागान में काम करते थे और वहाँ से इंग्लैंड वापस आए। लॉन टेनिस का खेल उन्हें बहुत रोचक लगा और वह अपने भाई के साथ विम्बलडन में उतरे। इसके बाद वह फिर से चाय की बागवानी में रम गए। महिलाओं में गाडफ्रे की पसंद लोटी डाड हैं जिन्होंने अपने पाँच विम्बलडन खिताबों में से पहला 1887 में 15 साल की उम्र में जीता था।

उन्होंने कहा कि डाड जैसा हरफनमौला मैंने नहीं देखा। वह नौकायन और घुड़सवारी के अलावा गोल्फ भी खेलती थीं। उन्होंने 1908 के लंदन ओलिंपिक में तीरंदाजी का रजत पदक भी जीता।

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