भारत के खिलाफ एशिया कप 2018 में शतक बनाने वाले बांग्लादेशी सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर लिट्टन दास को पिछले साल जब भारत के खिलाफ कप्तानी मिली थी तो उन्होंने एकदिवसीय सीरीज अपनी टीम को 2-1 से जिता दी थी। साल 2021 में सिर्फ 1 मैच में टी-20 की कप्तानी मिली थी।
वह एक बेहद ही तकनीकी रूप से सक्षम बल्लेबाज हैं, लेकिन दीर्घकालिक कप्तानी का नाम जैसे ही आता है तो बोर्ड और चयनकर्ता बिदक जाते हैं और यह जिम्मेदारी शाकिब अल हसन को मिल जाती है, जबकि वह नवनिवृत कप्तान तमीन इकबाल के एशिया कप से हटने से पहले ही टीम के उप कप्तान भी थे। जाहिर तौर पर लिट्टन दास एक बंगाली हिंदू परिवार से आते हैं और एशिया कप में गई बांग्लादेश टीम के एकमात्र हिंदू खिलाड़ी है।
बंगाली हिंदू कायस्थ परिवार में हुआ था जन्म
लिट्टन दास का जन्म 3 अक्टूबर 1994 में एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बच्चू चंद्र दास और मां का नाम अनीता दास है। उनके दो भाई है। बांग्लादेश क्रीड़ा शिक्षा प्रतिश्थान से उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। साल 2015 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। तो साल 2019 में उन्होंने अपनी प्रेमिका देवाश्री सोंचिता के साथ विवाह किया।
भारत के खिलाफ ही हुआ था डेब्यू
साल 2015 में लिट्टन दास का टेस्ट डेब्यू भारत के खिलाफ ही हुआ था। यही नहीं वनडे डेब्यू भी भारत के खिलाफ ही हुआ था। साल 2018 के एशिया कप फाइनल में उन्होंने भारत के खिलाफ शानदार 117 गेंदों में 12 चौके और 2 छक्कों के साथ 121 रन बनाए थे। यह मैच भारत अंतिम गेंद पर जीता था लेकिन लिट्टन दास को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था। इस शतक की बदौलत वह भारत के खिलाफ एक शानदार रिकॉर्ड बना चुके हैं। कुल 9 मैचों में भारत के खिलाफ वह 33 की औसत से 305 रन बना पाए हैं। जो कि किसी भी बड़ी टीमों के खिलाफ उनका सर्वश्रेष्ठ औसत है।हाल ही में हुए टी-20 विश्वकप में भी उन्होंने भारत के खिलाफ धुंआधार अर्धशतक जड़ा था।
अब तक खेले गए 72 वनडे मैचों में वह 33 की औसत से और 88 की स्ट्राइक रेट से 2213 रन बना चुके हैं जिसमें 5 शतक और 10 अर्धशतक है। उनका सर्वोच्च स्कोर 176 रनों का रहा है।