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गंभीर व्यक्तित्व के धनी हैं कुंबले

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मैदान पर प्रायः शांत और गंभीर रहने वाले अनिल कुंबले निजी जीवन में भी इतने ही सुलझे हुए व्यक्ति हैं। कुंबले ने अपनी निजी जिंदगी के विवादों को पेशेवर खेल पर कभी हावी नहीं होने दिया। चेतना से शादी को लेकर भी कई विवाद उठे थे और शादी के बाद भी विवाद उनका पीछा करते रहे।

अनिल की चेतना से 1999 में शादी हुई थी। चेतना एक तलाकशुदा हैं और उन्हें अपने पहले पति कुमार वी. जागीरदार से एक पुत्री है। चेतना ने 1999 में अपने पहले पति से तलाक ले लिया था, जिसके बाद वे अपनी पुत्री को भी अपने पास रखना चाहती थीं।

लंबी चली कानूनी लड़ाई के बाद कुंबले और चेतना अपनी 'अरुणी' को पाने में सफल रहे। 1998 से चली यह कानूनी लड़ाई अंततः 2004 में समाप्त हुई। इसी वर्ष चेतना और अनिल पुत्र मायस के पिता बने।

गेंदबाजों में स्पिन का राज : एक और स्पिनर 600 का आँकड़ा छूने में सफल हो गया। अब विश्व के दिग्गज गेंदबाजों में तीन स्पिनरों का राज है। कभी शीर्ष सूची में तेज गेंदबाजों का दबदबा रहा और उस समय कोई सोच भी नहीं सकता था कि कोई स्पिनर 400 विकेट लेने में भी कामयाब रहेगा। लेकिन अब यह एक आम शगल प्रतीत होता दिख रहा है विशेषकर स्पिनरों के साथ।

वर्तमान गेंदबाजों की सूची में शीर्ष तीन स्थानों पर स्पिनरों शेन वॉर्न, मुथैया मुरलीधरन के बाद अब अनिल कुंबले भी 600 का आँकड़ा पार कर गए हैं। मुरली और वॉर्न प्रत्येक के नाम 700 से ज्यादा विकेट दर्ज हैं। इन तीनों स्पिनरों ने कुल मिलाकर 2000 से भी ज्यादा विकेट हासिल कर लिए हैं।

वॉर्न के संन्यास लेने के बाद अब मुरली और कुंबले ही मैदान में हैं। यदि दोनों ही गेंदबाज अगले दो वर्ष तक और खेलते हैं तो यह आँकड़ा 2500 के पार हो जाएगा। तीनों ही गेंदबाजों की अपनी विशेषता रही है। जहाँ वॉर्न ने अपनी लेग स्पिन से बल्लेबाजों को छकाया तो मुरली ने अपनी ऑफ स्पिन से।

वहीं कुंबले ने अपनी सटिक लाइन और बाउंस से बल्लेबाजों को मात दी। करियर की शुरुआत में उन्हें अपनी गेंदबाजी को लेकर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। कइयों का मानना रहा है कि उनकी गेंदों में स्पिन नहीं है और घर के बाहर उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ेगा। लेकिन तमाम आलोचनाओं से उबरते हुए कुंबले बढ़ते गए। कुंबले ने अपने तरकश में फ्लाइट, फ्लिपर, रांग वन जैसे कई तीर जमा किए।

वे भारत के लिए विदेशों में सबसे सफल गेंदबाज हैं और उनके आँकड़ों ने तमाम विशेषज्ञों को झुठला दिया। कुंबले अपने 400 विकेट पूरे करने के बाद कुछ तेजी में दिखाई दिए हैं। अगले 200 विकेट उन्होंने मात्र 40 टेस्ट में पूरे किए। उनकी इस तेजी को केवल अब फिटनेस ही रोक सकती है।

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