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भारत-ऑस्ट्रेलिया में होती है रोमांचक जंग

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सिडनी (वार्ता) , शुक्रवार, 11 जनवरी 2008 (16:33 IST)
परंपरागत तौर पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले एशेज मुकाबले पर समूचे क्रिकेट जगत की नजरें लगी रहती हैं, लेकिन अब ऑस्ट्रेलियाई टीम को अधिक मजा भारत के साथ भिड़ने और उसे चारों खाने चित करने में आने लगा है।

विश्व विजयी ऑस्ट्रेलियाई टीम के विध्वंसक ओपनर मैथ्यू हैडन ने कहा कि भारत उनकी पसंदीदा टीम होने के काफी नजदीक पहुँच गया है। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में प्रकाशित एक बयान में हैडन ने कहा कि भारत ने कई मायनों में इंग्लैंड को अपदस्थ कर दिया है। यह एक ऐसी टीम है, जो आश्चर्यजनक रूप से बहुत ऊँचे और फिर निम्न स्तर पर पहुँच जाती है।

दोनों टीमों के बीच गत सप्ताह समाप्त सिरीज में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश पहुँचे हैडन ने कहा कि जब आप स्टेडियम में बैठे 70 हजार दर्शकों के सामने हों और आपको एकदम सन्नाटे का अहसास होने लगे, तो समझ जाइए कि भारत की स्थिति खराब चल रही है। ऐसी स्थिति में होना काफी सुखद होता है क्योंकि आपको पता चल जाता है कि जीत आपके करीब है।

अपनी बल्लेबाजी से भारतीय टीम को हमेशा मुश्किल में डालने वाले इस कद्दावर बल्लेबाज ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रहती है कि भारतीय दर्शकों को चुप कर दिया जाए और बढ़िया क्रिकेट खेली जाए, लेकिन इसमें कुछ भी निजी नहीं होता है।

पिछली सिरीज भी इन दोनों टीमों की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता की कहानी साफ बयान करती है। ऑस्टेलिया ने वनडे श्रृंखला भले ही 2-4 से जीत ली, लेकिन भारत नागपुर मैच जीतने की स्थिति में इसे बराबर भी कर सकता था। इसके बाद भारत ने एकमात्र ट्‍वेंटी-20 मैच में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट के विशाल अंतर से परास्त कर दिया।

इस सिरीज में दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों के बीच कई बार तनातनी की स्थिति बनी थी। भारतीयों ने आक्रामक क्रिकेट खेलकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसी की भाषा में जवाब देने की कोशिश की और दर्शकों ने भी एंड्रयू साइमंड्स को निशाना बनाकर मामले को भड़का दिया।

लेकिन हैडन का मानना है कि भारतीय टीम बस आक्रामक होने की कोशिश करती रही। उन्होंने कहा कि भारत को बहुत बड़ी गलत फहमी है कि वह एक आक्रामक टीम है। मैं सोचता हूँ कि इस तरह की क्रिकेट तो हम लोग ही खेलते हैं। यह तो ऐसी चीज है, जो आपकी संस्कृति से विकसित होती है।

इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैग्राथ ने तनातनी के कई मामलों में शामिल रहे भारतीय गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंथ को सलाह दी है कि उन्हें मैदान पर अपने खेल से भी साबित करना होगा कि वह आक्रामक क्रिकेट खेलते हैं।

गत अप्रैल में विश्वकप के बाद संन्यास ले चुके मैग्राथ ने कहा कि आखिरकार आपको अपने प्रदर्शन से यह साबित करना पड़ता है कि आप बस आक्रामक अंदाज में बात ही नहीं कर सकते हैं, बल्कि आपका खेल भी उतना ही बढ़िया है। अगर मैदान पर आपका प्रदर्शन अनुकूल नहीं रहता है, तो आप लंबे वक्त तक टीम में नहीं रह पाएँगे।

अपनी सटीक गेंदबाजी से दुनिया के हरेक बल्लेबाज को परेशान करने वाले इस लंबोतरे खिलाड़ी ने इस पर भी आशंका जताई कि श्रीसंथ ने जिस तरह की आक्रामता दिखाई है, वह उनके सामान्य स्वभाव का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने कई बार उनसे बात की है और मुझे उनके स्वभाव में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। मैग्राथ ने कहा कि तेज गेंदबाज से आक्रामक होने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन छींटाकसी करना और बल्लेबाज के आउट होकर पैवेलियन लौटते समय टिप्पणियाँ करना सही नहीं है। बहरहाल उन्होंने कहा कि इन मामलों से निपटना मैच अधिकारियों का काम है।

उन्होंने दिसंबर में चार टेस्ट मैच और त्रिकोणीय एक दिवसीय श्रृंखला खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर आने वाली भारतीय टीम को सतर्क करते हुए कहा कि यहाँ पर उनका स्वागत उछाल लेती तेज गेंदों से हो सकता है।

मैग्राथ ने कहा कि भारतीय तेज और उछाल लेने वाले विकेट पर खेलना नहीं पसंद करते हैं। वैसे मुझे यकीन है कि वे यहाँ पर आक्रामक होने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन मेरी राय है कि यह काम ऑस्ट्रेलियाई टीम से बेहतर कोई नहीं कर सकता है।

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