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भारत के लिए भाग्यशाली पीसीए स्टेडियम

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मोहाली (भाषा) , बुधवार, 7 नवंबर 2007 (17:57 IST)
दुनिया के सबसे बेहतरीन क्रिकेट मैदानों में शुमार होने वाला पीसीए स्टेडियम भारत के लिए भाग्यशाली रहा है लेकिन चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के बल्लेबाजों को अक्सर यहाँ रन बनाने के लिए जूझना पड़ा। यह मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे से खेला जाएगा।

पाकिस्तान की टीम भारत के खिलाफ कल जब यहाँ दूसरे एकदिवसीय मैच के लिए उतरेगी तो उसके बल्लेबाजों पर काफी दबाव होगा, जो गुवाहाटी में पहले मैच में भी नहीं चल पाए थे।

पाकिस्तान ने मोहाली में जो पिछला मैच खेला था उसमें दक्षिण अफ्रीका के सामने उसकी टीम 89 रन पर सिमट गई थी, जो इस मैदान पर न्यूनतम स्कोर भी है।

भारत ने पीसीए स्टेडियम में सात मैच खेले हैं जिसमें उसे पाँच में जीत मिली है, जबकि दो में हार। दूसरी तरफ पाकिस्तान को पाँच मैच में से चार में हार मिली और एक में जीत। उसके लिए यह सकारात्मक पहलू है कि उसने यहाँ भारत को हराया, जो इन दोनों टीमों के बीच इस मैदान पर खेला गया एकमात्र मैच भी था।

पाकिस्तान ने यहाँ सभी मैच में बाद में बल्लेबाजी की और आँकड़ों को देखते हुए भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी टॉस जीतने की स्थिति में पहले बल्लेबाजी का फैसला कर सकते हैं क्योंकि भारत ने भी तीन मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत दर्ज की है।

भारतीय टीम को पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ की कमी भी खल सकती है, जिन्होंने मोहाली में खेले चार मैच में से तीन में अर्धशतक जमाए। सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली ने भी इस मैदान पर दो-दो अर्धशतक लगाए हैं।

तेंडुलकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में खेले गए मैच में केवल दस रन बनाकर आउट हो गए थे और भारत यह मैच छह विकेट से हार गया था। इस मैच में सहवाग ने 65, द्रविड़ ने 52 और महेंद्रसिंह धोनी ने 38 रन बनाए थे। तेंडुलकर गुवाहाटी में पहले मैच में भी चार रन ही बना पाए और अब वह यहाँ एक बड़ी पारी खेलकर इन दोनों मैच की भरपाई करना चाहेंगे।

जहाँ तक गांगुली का सवाल है तो वह साढ़े पाँच साल बाद मोहाली में अपना पहला मैच खेलेंगे। उन्होंने यहाँ अंतिम मैच दस मार्च 2002 को जिम्बॉब्वे के खिलाफ खेला था, जिसमें उन्होंने 86 रन की जोरदार पारी खेली थी।

गांगुली ने पाकिस्तान के खिलाफ एक अप्रैल 1999 को खेले गए मैच में भी अर्धशतक (57) जड़ा था, लेकिन अजय जडेजा की अगुवाई वाली टीम यह मैच सात विकेट से हार गई थी।

सहवाग ने इसी मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था जिसे वह याद नहीं रखना चाहेंगे। सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे सहवाग को केवल एक रन पर शोएब अख्तर ने पगबाधा आउट कर दिया था, जबकि गेंदबाजी में उन्होंने तीन ओवर में 35 रन दे डाले थे।

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