(वेबदुनिया न्यूज)
भारतीय खेल जगत के लिए 2 मार्च रविवार का दिन जीत भरा रहा। सिडनी में सीबी त्रिकोणीय क्रिकेट सिरीज के पहले फाइनल में भारत ने इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराया। यह मैच सुबह 8.45 से शुरू हुआ था और दोपहर ढलते-ढलते खत्म हुआ, जबकि क्वालालम्पुर में रात घिर आने के पहले ही भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीका को हराकर विश्व चैम्पियन बन गई और भारतीय खेल प्रेमियों की झोली में दोहरी खुशी डाल दी। भारत के लिए एक और जीत हॉकी के मैदान से आई, लेकिन क्रिकेट के शोर में यह जीत दबकर रह गई।
देर रात तक भारत के विभिन्न शहरों में जीत का जश्न मनाया जाता रहा। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के जालंधर स्थित घर पर परिजन, रिश्तेदार और दोस्त ढोलक की थाप पर भांगड़ा करते रहे, जबकि लड़कियाँ और महिलाएँ गिद्दा करते हुए थिरकती रहीं। रवीन्द्र जड़ेजा भारतीय टीम के उपकप्तान हैं और उनके घर के बाहर भी लोग काफी देर तक गाते-नाचते रहे। जड़ेजा ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान आठ विकेट हासिल किए।
टीवी के सामने डटे रहे क्रिकेट प्रेमी : रविवार का दिन यूँ भी भारतीयों के लिए छुट्टी का दिन रहता है और जब छुट्टी के दिन टीवी पर क्रिकेट मैच आ रहा हो तो क्या कहने? क्रिकेट प्रेमी दिन भर टीवी से चिपके रहे। पहले उन्होंने सिडनी के मैदान पर सचिन तेंडुलकर के बेहतरीन शतक का लुत्फ उठाया और फिर बाद में अंडर-19 के युवाओं को उन्होंने विश्वकप जीतते देखा। यकीनन इन युवाओं का जोश देखते ही बनता था। भारतीय युवा जब क्षेत्ररक्षण कर रहे थे, तब उनका कौशल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ियों (पूरी तरह व्यावसायिक) की याद दिला रहा था।
व्हाटमोर की मेहनत रंग लाई : भारत की अंडर-19 टीम को डेव व्हाटमोर ने कोचिंग दी थी और कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि यह टीम अंडर-19 के विश्व कप को दूसरी बार जीतने का गौरव हासिल करेगी। टीम के कप्तान विराट कोहली को क्वालालम्पुर में ही यह खबर मिल गई थी कि इस जीत से उत्साहित होकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने प्रत्येक खिलाड़ी को 15-15 लाख रुपए का पुरस्कार देने का ऐलान किया है। विराट के लिए आज का दिन इतना बड़ा था कि खुशी के मारे में उनके मुँह से बोल ही नहीं निकल पा रहे थे।
सभी खिलाड़ियों से वेंगसरकर प्रभावित : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की राष्ट्रीय चयन समिति के मुखिया दिलीप वेंगसरकर ने भी कहा कि मैं इन युवाओं के प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हूँ। सभी खिलाड़ियों ने जान लगाकर मैच खेला और फाइनल जीता। मैं भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि इनमें से अच्छे खिलाड़ियों को सीनियर टीम में जरूर स्थान मिलेगा। जब उनका ध्यान सिडनी की जीत की ओर दिलाया गया तो उन्होंने कहा कि अभी जश्न का मौका नहीं है, हमें एक मैच और जीतना है।
अजितेश अर्गल की प्रतिक्रिया : 'मैन ऑफ द मैच' रहे अजितेश अर्गल ने कहा कि हमने रणनीति बना रखी। अभी तक मेरी किसी से बात नहीं हुई है। मैच के बाद अभी तो जश्न का मूड है। भारत लौटने के बाद वहाँ भी खुशियाँ बाँटी जाएँगी। बोर्ड से 15 लाख रुपए का इनाम पाकर हमारा उत्साह और बढ़ा है। हम पिछले 2 साल से विश्व कप के लिए मेहनत कर रहे थे और आज उसका प्रतिफल भी मिल गया। फिलहाल तो भारत की सीनियर टीम में जगह बनाने के लिए मुझे और मेहनत करनी होगी।
दब गई हॉकी की कामयाबी : भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को क्रिकेट के अलावा अन्य दूसरे खेल कभी दिखते ही नहीं। क्रिकेट में मिली आज की दोनों जीत विशेष मायने रखती है, लेकिन सुदूर चिली के सैंटियागो शहर में भारत की हॉकी टीम ने रूस को ओलिंपिक क्वालिफाइंग दौर के मैच में 8-0 से रौंदकर एक शानदार शुरुआत की।
हॉकी की इस सफलता पर मीडिया की नजर ही नहीं गई। यही कारण है कि क्रिकेट के सामने अन्य खेलों की कामयाबी पूरी तरह दबकर रह जाती है। हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है लेकिन राष्ट्र के लोगों के दिलों में यह अब तक अपनी जगह नहीं बना पाया है।