दांबुला के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में भारत के 257 रनों का जवाब देने उतरी श्रीलंका की शुरुआत बेहद खराब रही। पहले सात ओवर में ही उसके तीन बल्लेबाज पैवेलियन लौट गए। सलामी बल्लेबाज दिलशान (8) जहाँ जहीर खान का शिकार बने, वहीं जयसूर्या (17) को ईशांत की गेंद पर प्रज्ञान ओझा ने बाहर का रास्ता दिखाया। दिलशान की जगह आए संगकारा भी कुछ कमाल नहीं दिखा सके और 7वें ओवर की तीसरी गेंद पर प्रवीण कुमार का शिकार हो गए। इसके बाद जयवर्धने और कादम्बी ने पारी को संभाला। इस दौरान जयवर्धने ने 75 गेंद पर अपना अद्धर्शतक भी पूरा किया, लेकिन तभी 33वें ओवर में प्रज्ञान ओझा की गेंद पर वे यूसुफ पठान को कैच थमा बैठे। उनके जाने के बाद भी विकेटों का पतन तो जारी रहा, लेकिन दूसरे छोर पर कादम्बी डटे रहे। उन्होंने न केवल स्कोर बोर्ड को गतिमान रखा, बल्कि टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर बढ़ती दिखाई दी। वे इसमें काफी हद तक कामयाब भी रहे, लेकिन उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज ज्यादा देर विकेट पर नहीं टिक सका। इस तरह पूरी टीम 240 रन बनाकर अंतिम ओवर में जवाब दे गई। इससे पहले भारतीय पारी में केवल युवराजसिंह (66) ही उल्लेखनीय योगदान दे सके। उनके अलावा सहवाग (42), गंभीर (27), रैना (29), पठान (21) और धोनी (23) ने रन तो बनाए, लेकिन वे लंबी पारी खेलने में नाकाम रहे। श्रीलंका की तरफ से मुरलीधरन, कुलशेखरा और मेंडिस ने दो-दो खिलाड़ियों को आउट किया।भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, लेकिन प्रमुख बल्लेबाजों की नाकामी से भारत की शुरुआत बिगड़ गई। एक समय भारत ने 83 रनों तक तीन विकेट खो दिए थे, लेकिन युवराजसिंह ने सुरेश रैना को साथ लेकर भारतीय पारी को संभाला।
भारतीय पारी की शुरुआत वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंडुलकर की जोड़ी ने की, लेकिन भारत ने जल्दी ही सचिन के रूप में अपना पहला विकेट गँवा दिया। इसके बाद गौतम गंभीर मैदान में आए और उन्होंने आते ही अपने बेहतरीन फॉर्म का परिचय दिया। गंभीर एक बार फिर बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन फरवीज माहरूफ ने उन्हें ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर विकेटकीपर कुमार संगकारा के हाथों में झिलवा दिया। गंभीर ने 27 रन बनाए।
अच्छी लय में नजर आ रहे सहवाग तीसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए। सहवाग ने केवल 26 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 42 रन बनाए। युवराज ने श्रीलंका के गेंदबाजी आक्रमण का बखूबी सामना किया और अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर का 38वाँ अर्द्धशतक लगाया। युवी ने 72 गेंदों का सामना करते हुए 6 चौके और एक छक्के की सहायता से अपना अर्धशतक पूरा किया।
रैना भी अपने अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन दिलशान की गेंद की उछाल को वे समझ नहीं सके और कपुगेदरा के हाथों में आसान कैच थमा बैठे। रैना ने 29 रन बनाकर युवराज के साथ चौथे विकेट के लिए 85 रन जोड़े।
रैना के आउट होने के कुछ देर बाद युवराज (66) अंपायर के विवादास्पद फैसले का शिकार हुए और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा। कुलशेखरा की अंदर आती हुई गेंद को युवराज कलाई के सहारे ऑनसाइड में खेलना चाहते थे, लेकिन गेंद ने बल्ले का किनारा लिया और युवराज के पेड से टकराई। कुलशेखरा की अपील पर अंपायर ने युवराज को पगबाधा आउट करार दे दिया।
इसके बाद यूसुफ पठान और महेंद्रसिंह धोनी ने छठे विकेट के लिए 39 रन जोड़े। पठान अपने कप्तान धोनी की कॉल पर रन लेने के प्रयास में आउट हुए। उन्होंने 21 रन बनाए। इसके बाद धोनी भी लेग स्टम्प के बाहर जाती हुई गेंद को खेलने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच आउट हुए। धोनी को 23 रनों के निजी योग पर माहरूफ ने आउट किया। भारत ने अपनी टीम में दो परिवर्तन किए थे। रोहित शर्मा के स्थान पर सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग को टीम में जगह दी गई, जबकि मुनाफ पटेल के स्थान पर प्रवीण कुमार को लिया गया।