बीजिंग ओलिम्पिक की 66 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा में काँस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने स्वर्ण पदक नहीं जीत पाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि वह पहला स्थान हासिल करने का माद्दा रखते थे।
सुशील ने कहा कि ओलिम्पिक में उस स्तर पर मामला बराबरी का हो जाता है। एकाध अंक से सारा अंतर पैदा होता है। मैं स्वर्ण पदक जीत सकता था, लेकिन पहले दौर में हारने से वह मौका निकल गया। मुझे इसका अफसोस रहेगा। उन्होंने पदक अपने गुरू महाबली सतपाल अपने कोचों और माता पिता को समर्पित किया।
पदक जीतने पर पहली प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होंने कहा कि ओलिम्पिक में अभिनव बिंद्रा के स्वर्ण पदक के बाद एक बार फिर तिरंगा लहराते देखना काफी सुखद था। मुझे बहुत गर्व हो रहा था कि मैने देश के लिए पदक जीता है।