भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष जीएस मंडेर ने बीजिंग ओलिम्पिक खेलों में काँस्यपदक जीतने वाले सुशील कुमार को बधाई देते हुए आशा जताई कि इस उपलब्धि के बाद देश में कुश्ती को अधिक गंभीरता से लिया जाएगा।
मंडेर ने कहा कि हमारे पहलवान दुनिया में किसी से कम नहीं है अगर हमारे पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिलाया तो हम और ओलम्पिक पदक जीत सकते हैं।
मंडेर ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल 2010 के लिए सरकार ने कुश्ती के लिए जरूरी सभी ढाँचागत सुविधा मुहैया कराने का वादा किया है। जिससे हमारे पहलवानों को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रैनिंग दिए जाने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
कुश्ती अध्यक्ष ने कहा कि हमारे पहलवानों के पास अभी तक वातानुकूलित अभ्यास केन्द्र के अलावा उच्च स्तर फिजियो और इस खेल के आधुनिक विशेषज्ञ डॉक्टरों का अभाव है। मंडेर ने कहा कि सुशील कुमार के पदक जीतने के बाद सभी की निगाहें अब इस खेल पर जाएँगी और इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा।
सुशील ने कहा कि दिन भर में तीन मुकाबले खेलने से वह काफी थक भी गए थे। उन्होंने कहा कि 15-15 मिनट के अंतर पर मुकाबले थे। एक दिन में इतने मुकाबले लड़ना आसान नहीं होता। मैं बहुत थक गया था।
कुश्ती में भारत की झोली में 56 साल बाद यह पदक आया है। इस पर सुशील ने कहा कि अमेरिका, रूस, बेलारूस और कजाखिस्तान के पहलवानों को काफी सुविधाएँ मिलती है। हमें अगर उतनी सुविधाएँ दी जाए तो भारतीय पहलवान भी काफी पदक जीत सकते हैं।
सारे मुकाबलों में टॉस हारने के बाद क्या रणनीति अपनाई यह पूछने पर सुशील ने कहा कि टॉस हारने पर मैंने प्रभु को याद करके अपना सर्वश्रेष्ठ दाँव लगाया। मुझे यकीन था कि मेहनत खाली नहीं जाएगी।