मुंबई। रिजर्व बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका जताने के बाद घरेलू शेयर बाजार आज दबाव में रहे। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 260.31 अंक यानी 0.84 प्रतिशत की गिरावट में 30,672.59 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 67 अंक यानी 0.74 फीसदी लुढ़ककर 9,039.25 अंक पर आ गया। तीन दिन बाद लगातार चढ़ने के बाद शेयर बाजार में गिरावट आई है।
गिरावट के साथ खुलने के बाद बाजार कुछ देर के लिए हरे निशान में आ गया था, लेकिन रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बयान से निराश निवेशकों की बिकवाली के कारण यह दुबारा लुढ़क गया और फिर पूरे दिन उबर नहीं सका। रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक विकास दर शून्य से नीचे यानी ऋणात्मक रहेगी। वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों से भी बाजार पर दबाव बढ़ा।
मझौली और छोटी कंपनियों में भी बिकवाली का जोर रहा। बीएसई का मिडकैप 0.83 प्रतिशत की गिरावट में 11,270.02 अंक पर और स्मॉलकैप 0.23 फीसदी फिसलकर 10,524.23 अंक पर बंद हुआ। बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों ने बाजार पर सबसे ज्यादा दबाव बनाया जबकि आईटी और टेक समूह की कंपनियों में हुई लिवाली ने इसे संभालने की कोशिश की।
सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक के शेयर साढ़े पांच फीसदी से अधिक टूट गए। एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक में चार से पांच प्रतिशत तक की गिरावट रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर साढ़े चार प्रतिशत चढ़े।
विदेशों में भी अधिकतर प्रमुख शेयर बाजार गिरावट में रहे। एशिया में हांगकांग का हैंगसेंग 5.56 प्रतिशत लुढ़क गया। चीन द्वारा हांगकांग के लिए नए सुरक्षा कानून का प्रारूप सामने आने के बाद वहां बाजार धराशायी हो गए।
चीन का शंघाई कंपोजिट 1.89 फीसदी, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.41 फीसदी और जापान का निक्की 0.80 फीसदी की गिरावट में बंद हुआ। यूरोप में शुरुआती कारोबार में ब्रिटेन का एफटीएसई 0.89 प्रतिशत और जर्मनी का डैक्स 0.34 प्रतिशत लुढ़क गया। (वार्ता)