मुंबई। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 226 अंक की बढ़त के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। इसी प्रकार निफ्टी 69.90 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,860.35 अंक पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच बैंक तथा धातु शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती आई।
अमेरिकी सीनेट (संसद का उच्च सदन) के बुनियादी ढांचा प्रस्ताव पर सहमत होने से वैश्विक बाजारों में तेजी रही, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 226.04 अंक यानी 0.43 प्रतिशत बढ़कर 52,925.04 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 69.90 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,860.35 अंक पर बंद हुआ। यह आंकड़ा अब तक की रिकॉर्ड ऊंचाई से सिर्फ 10 अंक पीछे रह गया। सेंसेक्स के शेयरों में 4.65 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में टाटा स्टील का शेयर रहा। इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, एल एंड टी और मारुति में भी अच्छी तेजी रही।
दूसरी तरफ, रिलायंस इंडस्ट्रीज में लगातार दूसरे दिन 2.28 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके अलावा एनटीपीसी, एचयूएल, टाइटन और एशियन पेंट्स समेत अन्य शेयरों में 1.69 प्रतिशत तक की गिरावट आई। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 580.59 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि निफ्टी 177 अंक यानी 1.12 प्रतिशत मजबूत हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी का असर घरेलू बाजार पर पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सीनेट के बुनियादी ढांचा प्रस्ताव को स्वीकार करने का सकारात्मक असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा।
उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के साथ बेरोजगारी भत्ता दावों में कमी के बाद से वाल स्ट्रीट में तेजी का रुख बना हुआ है। नायर के अनुसार, घरेलू बाजार में पिछले कुछ दिनों में सुधार के बाद बैंक और धातु शेयरों में तेजी देखी गई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा के अनुसार मानक सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास बने हुए हैं। इसका कारण राज्यों में पाबंदियों में ढील, कंपनियों के बेहतर परिणाम और टीकाकरण में तेजी के साथ आर्थिक गतिविधियों का बढ़ना है।
उन्होंने कहा, लेकिन कोविड महामारी की तीसरी लहर का अंदेशा बना हुआ है। इससे बाजार धारणा पर असर पड़ सकता है। ऐसे में बाजार को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सोल और टोक्यो लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिलाजुला रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.23 डॉलर प्रति बैरल गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर 2 पैसे फिसलकर 74.20 पर रही। शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक गुरुवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 2,890.94 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।(भाषा)