मुंबई। शेयर बाजारों में सोमवार को दो महीने से अधिक समय में बड़ी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 587 अंक लुढ़क गया। वैश्विक स्तर पर बिकवाली और कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं होने से बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 3.34 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में एचडीएफसी बैंक का शेयर रहा।
कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 31 पैसे की गिरावट का भी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 586.66 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,553.40 अंक पर बंद हुआ। इस साल 30 अप्रैल के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 171 अंक यानी 1.07 प्रतिशत का गोता लगाकर 15,752.40 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 3.34 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में एचडीएफसी बैंक का शेयर रहा। निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक का शनिवार वित्तीय परिणाम जारी हुआ। बैंक का लाभ 2021-22 की चौथी तिमाही में 14 प्रतिशत बढ़ा लेकिन संपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर स्थिति थोड़ी फिसली है।
इसके अलावा इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, मारुति, बजाज फाइनेंस और कोटक बैंक में प्रमुख रूप से गिरावट रही। इनमें 2.78 प्रतिशत तक की गिरावट आई। दूसरी तरफ, सेंसेक्स के केवल चार शेयर- एनटीपीसी, नेस्ले इंडिया, डॉ. रेड्डीज और सन फार्मा 1.89 प्रतिशत तक लाभ में रहे।
वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट रही। इसका कारण अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों का सामने आना है। इससे धारणा प्रभावित हुई है। रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी के अनुसार, वित्तीय शेयरों में गिरावट रही। इसका प्रमुख कारण एचडीएफसी बैंक का 2021-22 की पहली तिमाही का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार नहीं रहना है।
संपत्ति की गुणवत्ता में गिरावट से निवेशकों में बैंक और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) को लेकर चिंता बढ़ी है, जो खुदरा और एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यमों) को कर्ज दे रखे हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बैंकों की अगुवाई में घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट आई।
इसका कारण महामारी की दूसरी लहर के कारण शुरूआती तिमाही परिणाम संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर आगाह कर रहे हैं। अमेरिका में आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रहने से चालू वर्ष के लिए वृद्धि के अनुमान को विभिन्न रिपोर्ट में कम किया गया। इससे वैश्विक स्तर पर बिकवाली हुई।
खंडवार सूचकांकों में बीएसई वित्त, बैंक, धातु,वाहन और टिकाऊ उपभोक्ता सूचकांक 1.80 प्रतिशत तक नीचे आए जबकि रियल्टी, स्वास्थ्य, उपयोगी सेवाएं और दैनिक उपयोग से जुड़े सामान सूचकांकों में तेजी रही। मझोले और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में भी 0.58 प्रतिशत तक की गिरावट आई। वैश्विक स्तर पर शंघाई, हांगकांग, सियोल और टोक्यो भारी गिरावट के साथ बंद हुए।
यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी मध्याह्न कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 71.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे लुढ़ककर 74.88 पर बंद हुआ।(भाषा)