मुंबई। वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों से कमजोर निवेश धारणा के बीच हुई चौतरफा लिवाली से बुधवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार तीसरे दिन गिरावट में रहे और करीब 2 सप्ताह के निचले स्तर पर बंद हुए।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.08 प्रतिशत यानी 317.77 अंक टूटकर 29,167.68 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 1 प्रतिशत यानी 91.05 अंक लुढ़ककर 9,030.45 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों सूचकांकों का 10 मार्च के बाद का निचला स्तर है।
बीएसई के सभी 20 समूह गिरावट में रहे। दूरसंचार समूह 2 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क गया। टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद समूह भी लगभग 2 प्रतिशत टूटा।
सेंसेक्स की 30 में से 25 कंपनियों के शेयर गिर गए। भारती एयरटेल के शेयर 3 प्रतिशत से अधिक लुढ़के। टाटा मोटर्स, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज ऑटो में 2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई। गत दिवस की गिरावट के बाद दवा कंपनियों में बुधवार को सुधार रहा। ल्युपिन ने सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 0.81 प्रतिशत का मुनाफा कमाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों में अस्पष्टता को लेकर उपजी चिंता से वहां मंगलवार को शेयर बाजार में बड़ी गिरावट रही। इससे बुधवार को बाजार खुलते ही सभी प्रमुख एशियाई बाजार लाल निशान में चले गए। जापान का निक्की 2.13 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 1.11 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.46 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.50 प्रतिशत की गिरावट में बंद हुए।
यूरोप में भी शुरुआती कारोबार में ब्रिटेन का एफटीएसई 0.93 प्रतिशत और जर्मनी का डैक्स सूचकांक 0.67 प्रतिशत की गिरावट में रहा।
वैश्विक दबाव में सेंसेक्स 144.04 अंक गिरकर 29,341.41 अंक पर खुला और इसके बाद कभी उबर नहीं पाया। यही इसका दिवस का निचला स्तर भी रहा। कमजोर निवेश धारणा से बाजार में चौतरफा बिकवाली रही। कारोबार की समाप्ति से पहले 29,137.48 अंक के दिवस के निचले स्तर को छूने के बाद यह गत दिवस की तुलना में 317.77 अंक नीचे 29,167.68 अंक पर बंद हुआ। (वार्ता)