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अमेरिकी चुनाव से पहले क्यों घबरा रहे हैं निवेशक, कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल?

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नृपेंद्र गुप्ता

, मंगलवार, 5 नवंबर 2024 (13:11 IST)
Share market in US election : विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और निवेशकों की सतर्क धारणा के बीच मंगलवार को घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी रहा। दोपहर साढ़े 12 बजे बीएसई सेंसेक्स 427 अंक गिरकर 78,356 पर था जबकि एनएसई निफ्टी 115 अंक फिसलकर 23,884 अंक पर पहुंच गया।
 
26 सितंबर को सेंसेक्स ऑल टाइम हाई था, पिछले 5 हफ्तों में सेंसेक्स में 7 हजार से ज्यादा अंकों की गिरावट दिखाई दी और यह 3 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान निफ्टी में भी 8.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बाजार में बिकवाली का दौर चल रहा है। फिलहाल निवेशकों की नजरें अमेरिकी शेयर बाजार पर लगी हुई है। अगर अमेरिका में ट्रंप की सरकार बनती है तो शेयर बाजार इसे सकारात्मक ले सकता है जबकि कमला हैरिस के जीतने पर बाजार में भारी गिरावट आ सकती है।
 
एक्सपर्ट निवेशकों को फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिती में रहने की सलाह दे रहे हैं। अमेरिकी चुनाव के साथ ही अमेरिकी फेड के नतीजे और चीन के प्रोत्साहन पैकेज पर भी नजर बनाए हुए हैं। इधर बाजार में बिकवाली हो रही है तो म्युचुअल फंड ने इस दौरान जमकर खरीदारी की है। 
 
शेयर बाजार एक्सपर्ट सुयश राठौर ने कहा कि यह हफ्ता वोलेटाइल रहेगा। इस समय निवेशकों को कम क्वांटिटी में काम करना चाहिए। यहां से बाजार किस साइड मुव करेगा, पता नहीं है। बाजार मान रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस दोनों के चुनाव जीतने के चांस 50-50 है। कमला हैरिस के आने पर बाजार का रूख नकारात्मक रहेगा जबकि ट्रंप के आने से बाजार की स्थिति मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि 7 नवंबर को फेडरल रिजर्व की मीटिंग भी है। इसके बाद ही स्थिति क्लियर होगी। 
 
वहीं बाजार विशेषज्ञ मनीष उपाध्याय ने कहा कि ट्रंप बैठेगा तो ही बाजार उत्साहित होगा। अमेरिकी चुनाव, मीडिल ईस्ट में तनाव को देखते हुए पूरे नवंबर में बाजार में गिरावट भी संभावना है। यहां से निफ्टी 23000 तक पहुंचने की संभावना है। जिन निवेशकों का निवेश पुराना है तो उन्हें अपने शेयर होल्ड पर रखना चाहिए। हड़बड़ी में गिरावट में बेंचकर नहीं निकले।

उन्होंने कहा कि एफआईआई पैसा निकाल रहे हैं लेकिन डीआईआई खरीद रहे हैं। हमारा बाजार मजबूत है लेकिन इंटरनेशनल स्तर पर परिस्थितियों का बाजार पर डर दिखाई दे रहा है। हालांकि उपाध्याय का यह भी मानना है कि ट्रंप के नहीं आने पर बाजार में काफी गिरावट आ सकती है। दिसबंर के बाद स्थिति में सुधार आ सकता है। 
 
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में सबसे अधिक गिरावट आई। वहीं जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, मारुति और सन फार्मा के शेयरों में तेजी रही।
 
एशियाई बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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