मुंबई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में शीघ्र बढ़ोतरी करने के संकेत से विदेशी बाजारों की भारी गिरावट और स्थानीय स्तर पर वाहन निर्माता कंपनियों की जीरो रेटिंग से हतोत्साहित निवेशकों की बिकवाली से बुधवार को शेयर बाजार की 2 दिन की तेजी थम गई।
शुरुआती कारोबार में करीब 268 अंक तक लुढ़के बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स को रियल्टी समूह में हुई मजबूत लिवाली से बल मिला। कारोबार के अंत में भारी गिरावट से उबरते हुए 69 अंक अर्थात 0.27 अंक फिसलकर 25,704.61 अंक पर टिका। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 20.60 अंक यानी 0.26 फीसदी उतरकर 7,870.15 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिका में डलास के फेड रिजर्व अध्यक्ष रॉबर्ट कैपलैन के उस बयान से विदेशी बाजारों में हुई बिकवाली का असर सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पर पड़ा जिसमें उन्होंने कहा था कि महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए जून या जुलाई में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने पर विचार किया जा सकता है। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.39, जापान का निक्की 0.05, हांगकांग का हैंगसैंग 1.45, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.58 और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.28 फीसदी लुढ़क गया।
वैश्विक स्तर पर वाहनों के सुरक्षा मानकों का आकलन करने वाले कार्यक्रम ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) के मुताबिक देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की सेलेरियो और इको, हुंडई की ईऑन, महिंद्रा की स्कॉर्पियो और रेनॉ की क्विड के क्रैश टेस्ट में विफल रहने से बीएसई के ऑटो समूह में 1.28 फीसदी की गिरावट से भी बाजार पर दबाव बना, वहीं वित्त, दूरसंचार, बैंकिंग, आईटी, टेक और पॉवर समूह भी 0.33 फीसदी तक टूटे जबकि रियल्टी समूह में 2.11 फीसदी की तेजी रही।
इस दौरान मझौली कंपनियां मामूली फिसली, वहीं छोटी कंपनियों में तेजी रही। बीएसई का मिडकैप 0.01 फीसदी नीचे 11,202.69 अंक जबकि स्मॉलकैप 0.22 फीसदी बढ़कर 11,168.80 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल 2,737 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें 1,319 लुढ़के जबकि 1,228 में तेजी रही वहीं 190 में कोई बदलाव नहीं हुआ। (वार्ता)