मुंबई। बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में मंगलवार को 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। कोरोना वायरस संकट का दबाव झेल रहे बाजार पर अब कच्चे तेल के दाम ऐतिहासिक रूप से नीचे जाने का असर हुआ है। इससे दुनिया भर के बाजारों में गिरावट देखी गई, जिसका असर धरेलू बाजारों पर भी पड़ा।
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स पिछले दिन के बंद के मुकाबले 1,011.29 अंक यानी 3.20 प्रतिशत नीचे रहकर 30,636.71 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 280.40 अंक यानी 3.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,981.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 27 नुकसान में जबकि केवल तीन लाभ में रहे।
इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा नुकसान में रहा। इसमें 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। उसके बाद बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, ओएनजीसी और मारुति का स्थान रहा। इनमें 6 से 9 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं, दूसरी तरफ भारती एयरटेल, हीरो मोटो कार्प और नेस्ले इंडिया लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी कच्चे तेल के भाव के धाराशायी होने से वैश्विक बाजारों के साथ घरेलू बाजारों में गिरावट आई। ‘लॉकडाउन’ और वैश्विक नरमी का असर साफ दिख रहा है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ से भी कंपनियों की आय प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन ने वित्तीय परिणाम के बाद आने वाले समय को लेकर स्थिति का स्पष्ट अनुमान नहीं दिया है। इसके बावजूद कंपनियों के तिमाही नतीजे पर निगाह होगी। कच्चे तेल के दाम के रसातल में चले जाने के साथ वैश्विक बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, जिसका असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा।
अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का मई डिलिवरी भाव कुछ सुधरकर 1.10 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। तेल रखने की जगह कम होने के कारण मई डिलिवरी के लिए डब्ल्यूटीआई का भाव मंगलवार को वायदा अनुबंध बंद होने से पहले एक समय शून्य से नीचे 37.63 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क गया था। यानी माल उठाने के लिए पैसे देकर भी तेल खरीदार नहीं मिल रहा था। ब्रेंट क्रूड का जून डिलिवरी भाव 20.30 प्रतिशत टूटकर 20.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमेरिकी तेल के दाम रसातल में पहुंच जाने और कोई खरीदार नहीं होने से वाल स्ट्रीट में जोरदार गिरावट आई। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सोल भारी नुकसान के साथ बंद हुए। शुरुआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में 2 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर भी निवेशक चिंतित हैं और बाजार से दूर हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 18,601 तक पहुंच गई है जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 590 हो गई है। वैश्विक स्तर पर संक्रमित लोगों का आंकड़ा 24.7 लाख को पार कर गया है जबकि 1.70 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। (भाषा)