Share Market Update : विदेशी पूंजी की निकासी और फेडरल रिजर्व की बैठक के पहले निवेशकों के सतर्क रुख के बीच बुधवार को स्थानीय शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और दोनों मानक सूचकांक करीब आधा प्रतिशत तक गिर गए। सेंसेक्स 283.60 अंक की गिरावट के साथ 63591.33 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 90.45 अंक कमजोर होकर 19000 अंक के नीचे 18989.15 पर बंद हुआ।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 283.60 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63,591.33 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 324.47 अंक तक गिरकर 63,550.46 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 90.45 अंक यानी 0.47 प्रतिशत कमजोर होकर 19,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 18,989.15 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, नेस्ले, मारुति सुजुकी, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी और लार्सन एंड टुब्रो में प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक और भारती एयरटेल के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की एवं चीन का शंघाई कंपोजिट चढ़कर बंद हुए जबकि हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट पर रहा। यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में मिलेजुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में बढ़त दर्ज की गई थी।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.31 प्रतिशत उछलकर 86.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने मंगलवार को 696.02 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।
अक्टूबर के दौरान भारत में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त पड़ने की रिपोर्ट आई है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) गिरकर अक्टूबर में 55.5 पर आ गया, जो फरवरी के बाद से विस्तार की सबसे धीमी दर है। सितंबर में यह 57.5 पर रहा था।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, पीएमआई आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में मांग सुस्त रही और एशियाई एवं यूरोपीय बाजारों की तुलना में भारत में अधिक सतर्कता देखी गई। हालांकि पहली छमाही में कर संग्रह की अच्छी स्थिति और वाहन क्षेत्र में मांग उम्मीद के अनुरूप रहने से बाजार पर नाममात्र का नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपए रहा, जो अब तक का दूसरा सर्वाधिक मासिक आंकड़ा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour