अधिकतर एशियाई बाजारों से मिले कमजोर संकेतों और घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था की सुस्ती की आशंका के मद्देनजर निवेश धारणा कमजोर होने से बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.93 फीसदी यानी 295.81 अंक लुढ़ककर 31,626.63 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 0.92 फीसदी यानी 91.80 अंक फिसलकर 9,872.60अंक पर रहा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के बिकवाल बने रहने और वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा संबंधी बयान के अलावा वैश्विक मंच पर मची उथलपुथल से शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को गातार पांचवें दिन गिरावट का रुख रहा है। गत शुक्रवार को बाजार पर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच वाद विवाद से बढ़ी भू-राजनैतिक चिंता के कारण शीर्ष दिग्गज कंपनियों में जमकर बिकवाली हुई थी जिससे शेयर बाजार धराशायी हो गया था।
कारोबार के पहले दिन सेंसेक्स थोड़ी बढ़त लेकर 31,986.40 अंक पर खुला और शुरुआती घंटे में 32,016.52 अंक के उच्चतम स्तर तक गया। इसके बाद यह पूरे दिन हरे निशान में लौट नहीं पाया। दिग्गज कंपनियों में जमकर हुई बिकवाली से अपराह्न दो बजे के करीब यह लुढ़ककर 31,474.56 अंक के निचले स्तर तक चला गया और अंतत: गत दिवस की तुलना में 295.81 अंक की गिरावट में 31,626.63 अंक पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 20 समूहों के सूचकांक गिरावट में रहे और सेंसेक्स की 30 में छह कंपनियां ही हरे निशान में जगह बरकरार रख पाईं।
निफ्टी हालांकि 4.30 अंक की गिरावट में 9,960.10 अंक पर खुला और 9,960.50 अंक के उच्चतम स्तर तक गया। यह पूरे कारोबार के दौरान गिरावट में रहा और इसने 9,816.05 अंक के निचले स्तर का गोता लगाया। अंतत: यह भी गत दिवस की तुलना में 91.80 अंक फिसलकर 9,872.60 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी की 51 में से 36 कंपनियां लाल निशान में, 13 हरे निशान में और शेष दो कंपनियों के शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे।
दिग्गज कंपनियों की तुलना में मंझोली और छोटी कंपनियों में बिकवाली अधिक हावी रही। बीएसई का मिडकैप 1.14 प्रतिशत यानी 177.36 अंक की गिरावट में 15,432.53 अंक पर और स्मॉलकैप 2.02 प्रतिशत यानी 329.90 अंक की गिरावट में 15,963.13 अंक पर बंद हुआ। (वार्ता)