मुंबई। मौद्रिक नीति पर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रुख से उत्साहित निवेशकों की चौतरफा लिवाली से मंगलवार को बीएसई का सेंसेक्स सात महीने बाद 27 हजार अंक से ऊपर बंद होने में सफल रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी साढ़े सात महीने के उच्चतम स्तर पर रहा।
रियलिटी, बैंकिंग तथा टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद समूहों में आई डेढ़ फीसदी से ज्यादा तेजी से सेंसेक्स 232.22 अंक चढ़कर साढ़े सात महीने बाद 27 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर 27,009.67 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 65.40 अंक की छलांग लगाकर 8,266.45 अंक पर रहा।
विदेशी बाजारों से मिले सकारात्मक रुख से बाजार में शुरू से ही मजबूती रही, लेकिन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के मौद्रिक नीति बयान जारी करने के कुछ देर बाद ही बाजार तेजी से ऊपर चढ़ा।
रिजर्व बैंक ने अपेक्षा के अनुरूप सभी नीतिगत दरें स्थिर रखी हैं, लेकिन राजन ने स्पष्ट किया कि यदि मानसून अच्छा रहा और महंगाई दर नियंत्रण में रही तो आगे ब्याज दरों में कटौती का विकल्प खुला है। इसके अलावा उन्होंने बाजार में डॉलर की तरलता कम होने पर बैंकों को डॉलर उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया।
इससे पहले सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि सरकारी बैंकों का परिचालन लाभ अच्छा है और उन्हें नुकसान सिर्फ एनपीए के लिए प्रावधान करने से हुआ है। उन्होंने कहा था कि यदि जरूरत हुई तो बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बैंकिंग समूह में डेढ़ फीसदी से अधिक की तेजी रही।
आरबीआई के बयान तथा जेटली के आश्वासन से लिवाली का जोर इस कदर रहा कि बीएसई के 20 में से 16 समूह हरे निशान में रहे। सेंसेक्स की 30 में से 25 कंपनियों के शेयरों के भाव चढ़ गए। सबसे ज्यादा 5.40 प्रतिशत का फायदा देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक को हुआ।
सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भी 4.31 प्रतिशत चढ़े। सबसे अधिक 0.78 प्रतिशत का नुकसान इंफोसिस को हुआ। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, गेल तथा डॉ. रेड्डीज लैब में मामूली गिरावट रही। (वार्ता)