मुंबई। मुद्रास्फीति का आंकड़ा ऊपर जाने से मंगलवार को देश के शेयर बाजारों में गिरावट रही। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान कई बार 33,000 अंक से ऊपर गया, लेकिन अंतत: कारोबारी धारणा कमजोर पड़ने से यह 91.69 अंक गिरकर 32,941.87 अंक पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों का कहना है कि मुद्रास्फीति बढ़ने से रिजर्व बैंक के समक्ष ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश कम होगी, जिसका औद्योगिक गतिविधियों पर बुरा असर होगा। थोक मुद्रास्फीति के आज जारी अक्टूबर माह के आंकड़े में यह छह माह के उच्चस्तर 3.59 प्रतिशत पर पहुंच गई। खुदरा मुद्रास्फीति भी सात माह के उच्चस्तर पर पहुंच गई।
कारोबार के दौरान आज सेंसेक्स ने कई बार अपनी चाल बदली। ज्यादातर समय यह 33,000 अंक से ऊपर रहा, लेकिन समाप्ति पर 91.69 अंक यानी 0.28 प्रतिशत गिरकर 32,941.87 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में कल भी 281 अंक की गिरावट आई थी।
व्यापक आधार वाला एनएसई का निफ्टी भी इसी तरह के कारोबार में 38.35 अंक यानी 0.38 प्रतिशत गिरकर 10,186.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 10,248 और नीचे में 10,175.55 अंक रहा।
जियोजित फाइनेंसियल सविर्सिज के प्रमुख बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, मुद्रास्फीति बढ़ने और एशियाई बाजारों में नरमी से घरेलू बाजारों में सुधार की उम्मीदों को धूमिल कर दिया। रुपए में लगातार गिरावट से भी निवेशकों की धारणा पर बुरा असर पड़ा। विश्लेषकों के अनुसार, कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 64 डॉलर तक पहुंच जाने से भी नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कमजोर पड़ी है।
कारोबार के दौरान आज एल एण्ड टी का शेयर सबसे ज्यादा 2.46 प्रतिशत गिरा। पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, टीसीएस और ओएनजीसी के शेयर मूल्य भी घटे हैं। इसके विपरीत हीरो मोटो कार्प, एक्सिस बैंक, बजाज ऑटो और महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा के शेयरों में लिवाली का जोर रहा।
बीएसई पूंजीगत सामान समूह के सूचकांक में सबसे ज्यादा 1.41 प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके बाद दूरसंचार, अवसंरचना और सार्वजनिक उपक्रमों के समूह सूचकांक में गिरावट रही। मध्यम और लघु समूह सूचकांक में 0.22 प्रतिशत तक गिरावट रही। (भाषा)