खरीफ के दौरान बुवाई का रकबा बढ़ने के समाचारों से बीते सप्ताह सामान्य कारोबार के बीच मूँगफली तेल में 200 रुपए प्रति क्विंटल की भारी नरमी रही। चने और चीनी में तेजी का रुझान रहा। गेहूँ टिका रहा।
तेल-तिलहन सरकारी जानकारी के अनुसार खरीफ फसलों के तहत 16 अगस्त तक तिलहनों की बुवाई 164.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 152.25 लाख हेक्टेयर ही था।
वैश्विक शेयर बाजार में चल रहे संकट का असर मलेशिया में पाम वायदा कारोबार पर भी पड़ा है। शुक्रवार को बुरूषा एक्सचेंज में अक्टूबर पाम वायदा 1.9 फीसदी या 46 रिंगिंट गिरकर 2343 रिंगिंट प्रति टन हो गई।
अच्छी बारिश और रकबा बढ़ने की खबरों से मूँगफली तेल में 7500 रुपए पर 200 रुपए प्रति क्विंटल की भारी गिरावट रही। माँग कम रहने से बिनौला तेल में 4850 रुपए पर 50 रुपए की नरमी रही। तिल-तेल भी 5000 रुपए प्रति क्विंटल पर इतना ही नरम रहा।
अच्छी आवक से पाम तेल 4900 रुपए पर 50 रुपए और सोया तेल 4800 रुपए पर 40 रुपए कमजोर रहा। सरसो और चावल छिल्का तेल के भाव पिछले सप्ताह के स्तर पर ही टिके रहे।
अनाज अभी तक के उपलब्ध आँकड़ो के अनुसार धान की रोपाई क्षेत्र में हल्की गिरावट आई है। पिछले वर्ष इस समय तक जहाँ 281.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान रोपा गया था, वहीं इस साल केवल 278.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही रोपाई हो सकी है। विश्लेषकों का कहना है कि उत्तरप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश नहीं होने से धान के रकबे में गिरावट आई है।
स्थानीय मंडियों में मिल क्वालिटी गेहूँ की आवक 10 से 12 हजार बोरी प्रतिदिन रही। माँग कोई खास नहीं रहने से गेहूँ के भाव पिछले सप्ताह के 1015-1020 रुपए पर टिके रहे। आटा-मैदा भी टिका रहा, लेकिन सूजी 30 रुपए मजबूत रही।
बिहार में भारी बाढ़ को देखते हुए मक्का का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका से इसके भाव मजबूत बताए गए। चावल भी मजबूत है। साठी और परमल की नई आवक बनी हुई है। किंतु पुराने बारीक चावल का स्टाक कम होने से कीमतों पर असर है। बाजार में पुराना स्टाक कम है।
दाल-दलहन सरकारी जानकारी के अनुसार इस मौसम में अब तक 107.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दालों की बुवाई हुई है। दूसरी ओर पिछले साल की समान अवधि में यह आँकड़ा 98.46 लाख हेक्टेयर ही था दूसरी ओर दाम काबू में रखने के लिए सरकारी एजेंसियाँ दाल आयात में लगी हैं। अब तक दो लाख 43 हजार टन दालों का आयात हो चुका है।
कर्नाटक से नई मूँग की आवक होने लगी है, लेकिन वहाँ का माल अभी नम बताया गया है। इस माह के अंत तक महाराष्ट्र से भी नई मूँग की आवक शुरू हो जाने की संभावना जताई जा रही है।
आवक कम रहने से चना 2340-2350 रुपए 40 रुपए प्रति क्विंटल तेज हो गया। मूँग 2500-2700 रुपए पर 100 रुपए ऊँची रही। मसूर और अरहर 2500-2800 रुपए 2500-2650 रुपए पर स्थिर रही।
गुड-चीनी खरीफ मौसम में गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। अब तक 51.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बोया जा चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 48.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में भी इसकी बुवाई हुई थी।
कारोबारियों का कहना है बीते सप्ताह कावड़ियों के जुलूस के कारण मंड़ियों में आवक पर असर पड़ने और आगामी त्योहरी सीजन को देखते हुए चीनी में हल्की तेजी का रुख रहा।
मिल डिलीवरी चीनी 1275-1365 रुपए पर पाँच से 25 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही। एम 30 में 1405-1450 रुपए के बीच पाँच से 10 रुपए ऊँची रही। एस-30 भी 1415-1495 रुपए पर पाँच रुपए की हल्की तेजी रही।