सामग्री :
1 कटोरी उड़द, डेढ़ कटोरी चीनी, 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर, थोड़ा-सा दूध, 1 चुटकी मीठा पीला अथवा लाल रंग, तलने के लिए शुद्ध घी, पाव कटोरी मेवे की कतरन, कुछेक केसर के लच्छे।
विधि :
सबसे पहले धुली उड़द (छिलके रहित) दाल को अच्छे से साफ करके धो लें और 2 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रख दीजिए। फिर उड़द दाल का अतिरिक्त पानी निथार कर मिक्सी में डालकर बारीक पीस लीजिए। अब उसमें चुटकी भर मीठा पीला रंग मिलाकर घोल तैयार कर लीजिए।
अब एक भगोने में पानी एवं चीनी मिलाकर एक तार की चाशनी तैयार कर लें। चाशनी में थोड़ा-सा रंग और केसर को बारीक मसलकर डाल दीजिए। साथ ही पिसी इलायची भी डाल दें।
फिर एक कड़ाही में घी गर्म करके छेद वाले झारे की सहायता से थोड़ी-थोड़ी बूंदी बना कर चाशनी में डालते जाइए। इस तरह पूरे घोल की बूंदी बना लें। जब बूंदी पूरी तरह चाशनी पी लें, तब उसे एक बर्तन में अलग भर कर रख दीजिए।
अब ऊपर से मेवे की कतरन बुरकाएं तथा उड़द दाल की केसरिया बूंदी से भगवान को भोग लगाएं। आसान तरीके से घर पर तैयार की गई इस शुद्ध केसरिया बूंदी से भगवान अवश्य प्रसन्न होंगे।